छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं । आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले । रायगढ़ में वरिष्ठ पत्रकार सत्यजीत घोष पर वह जानलेवा हमला ।

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और छत्तीसगढ़ नाव के डायरेक्टर सत्यजीत घोष पर जानलेवा हमला । रायगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी । आज एक पत्रकार के साथ घटना हुई है कल आम इंसान के साथ या घटना होगी पुलिस वालों का पूरे घटना से अंजन रहना कुछ समझ नहीं आ रहा कैसे हो सकता है पुलिस प्रशासन किसी दबाव में आकर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करें । आज एक पत्रकार के साथ घटना घटी है कल को इस तरीके की वारदात और भी बढ़ सकता है क्योंकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का ऊपर आये दिन किसी न किसी प्रकार का जानलेवा हमला किया जाता है और पूरे मामले में पुलिस प्रशासन सिर्फ लीपा-पोती कर अपराधियों को संरक्षण देते हुए खुलेआम घूमने की आजादी प्रदान करती है । नतीजतन इस प्रकार की घटनाएं जो की आज रायगढ़ में पत्रकार सत्यजीत घोष के साथ हुआ है रायगढ़ प्रेस क्लब ने इस घटना की कड़ी निंदा की है इस संदर्भ में ।

रायपुर छत्तीसगढ़ के कुछ पत्रकार भाइयों ने मिलकर सत्यजीत घोष से बातचीत किया एवं उनसे घटना के बारे में पूरी जानकारी ली ।

घटना की जानकारी देते हुए सत्यजीत घोष ने बताया कि उनके ऊपर हमला सोच समझकर सुन नियंत्रित ढंग से करवाया गया है और रायगढ़ पुलिस ने अभी तक इस घटना में घटना को अंजाम देने वाले दो अपराधियों को अपने गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर रही है ।

आगे पुलिस की कार्यवाही चल रही है जिसका अपडेट आपको आने वाले समय में अगले भाग पर दिया जाएगा————————————————

आधार फाइनेंस द्वारा तहसीलदार का फर्जी पत्र बनकर अपराधिकृत को दिया गया अनजाम ।।

आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर के द्वारा अपराधिकृत कर तहसीलदार का फर्जी आदेश पत्र बनवाकर सबसे पहले भिलाई-3 दुर्ग थाने में उसकी पावती ली गई उसके बाद आधार फाइनेंस के अधिवक्ता के द्वारा उस पत्र को लेकर पीड़िता संगीता बर्मन के घर पर रखे हुए सामान को अवैध रूप से अपराधी गतिविधि कर घर का दरवाजा तोड़कर सामान को चोरी कर ले जाने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल थे यह पूरी घटना DDनगर कॉलोनी चरोदा भिलाई की एक महिला देख रही थी, जिन्होंने मौके पर जाकर वीडियो बनाने की कोशिश की तो उन महिला को चार आदमियों ने पड़कर घर के अंदर खींच लिया एवं महिला के साथ बदतमीजी की कोशिश की गई जिसे वहा खड़े पुलिस वाले प्रत्यक्ष देख रहे थे । पुलिस वालों ने कुछ नहीं किया जब महिला ने संगीता बर्मन को कॉल करके बुलाया तो उसके बाद जब संगीता बर्मन आ गई उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा क्योंकि संगीता बर्मन एक अभियान कर्ज मुक्त भारत से जुड़ी हुई है, इस कारण उन्हें कुछ नियम एवं कानून बताए गए हैं, जिनका वह पालन करते हुए वीडियो बना रही थी, पुलिस वालों ने जब देखा कि उनका वीडियो बन रहा है, क्योंकि जो आदेश पत्र फर्जी था पुलिस वाले को पता था इसलिए पुलिस वाले वहां से निकाल कर भाग गए, इसके बाद आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) वालों ने संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र और एक पुरुष को घर पर बंधक बनाकर रखा । कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम मौके पर पहुंची उसके बाद उन्होंने 112 में कॉल किया जिसमें पुलिस वाले नहीं आ रहे थे, बाद में अधिवक्ता रमन मिश्रा के द्वारा दुर्ग SP साहब को शिकायत कर 112 को कॉल किया तब 112 की गाड़ी आई एवं उनके द्वारा आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) कर्मी को बुलाया गया जिन्होंने अपने हाथ से ताला को खोल दोनों बंधक महिलाओं को बाहर निकाला एवं खुद से स्वीकार किया कि उनके द्वारा दोनों महिलाओं को एवं उसे व्यक्ति को बंधक बनाया गया था । जिसमें की आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) के अधिवक्ता भी शामिल थे, बाद में जब कंप्लेंट लिखने के लिए संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र थाने गई तो पुलिस द्वारा केवल शिकायत लिया गया FIR नहीं लिखा गया । …………………………………………………

बिल के पिता का क्या हुआ?

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हाइब्रिड के टिक न पाने का एक बड़ा कारण

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‘वापसी के लिए बहुत देर हो चुकी है – लेकिन मुझे अभी भी वह खुजली है’

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