40-50 हज़ार रुपये महीने का विज्ञापन, छत्तीसगढ़ में न्यूज पोर्टल के लिए खुशखबरी, नए पोर्टलों को भी सरकार दे रही ।

रायपुर – छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को एक वर्ष पूर्ण हो चुके हैं इसलिए शायद न्यूज़ पोर्टलों के लिए सरकार अपनी तिजोरी एकदम से खोल के रख दी है। प्रदेश में पहली बार यह देखा जा रहा है कि आपके न्यूज़ पोर्टल में ट्रेफिक नहीं है कोई बात नहीं, आपका न्यूज़ पोर्टल एकदम से नया है कोई बात नहीं, आपको शासकीय विज्ञापन जरूर मिलेगा क्यूंकि सरकार ने पुराने नियमों को शिथिल कर नए नियम से विज्ञापन न्यूज़ पोर्टलों को दे रही है ।

आपको बताने में बड़ा हर्ष महसूस हो रहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा मतलब विष्णु देव साय की सरकार है, जहाँ सुशासन चलता है। दरअसल 05/12/2024 को आयुक्त, जनसंपर्क विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, संवाद भवन, नया रायपुर, छत्तीसगढ़ को ज्ञापन सौंप कर दर्जनों पत्रकार नवनियुक्त मुखिया के रूप रवि मित्तल को पुष्प-गुच्छ भेंट कर नए सिरे से विज्ञापन देने का स्वागत किया गया ।

ज्ञापन में उल्लेख है कि आपके द्वारा पत्रकारों के हित में गहन विचार करने पश्चात पुराने नियमों को शिथिल करते हुए आपने जो विज्ञापन देने की शुरुआत की है. जिसकी वजह से उत्तीसगढ़ के पत्रकार साथियों को वर्तमान सरकार के प्रति विश्वास पहले से कहीं ज्यादा देखने को मिला, जिसका हम स्वागत करते हैं ।

ज्ञापन में अनुरोध किया गया कि समस्त छत्तीसगढ़ के न्यूज पोर्टल दूरस्थ क्षेत्रों के, ब्लॉक स्तर के, जिला स्तर के, संभाग स्तर या राजधानी स्तर के सभी संचालकों को अतिशीघ्र विज्ञापन देकर उनको सम्बल प्रदान करें ।

यहाँ करें निःशुल्क रजिस्ट्रेशन

ज्ञापन सौंपने में शामिल प्रेस एण्ड मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार जायसवाल ने बताया कि सरकार के नए नियमों का हम स्वागत करते हैं, उन्होंने कहा कई वर्षों से पत्रकार जोखिम उठाकर जनता के हित में कार्य कर रहे हैं शायद इसी कारण से साय की सरकार ने अपना फ़ैसला छत्तीसगढ़ के पत्रकारिता को ज़िंदा रखने के लिए लिया है। और कहा आप अपना न्यूज़ पोर्टल का डिटेल जैसे पोर्टल का नाम, कहाँ से संचालित हो रहा है, कब से की शुरुआत हुई, संचालक का नाम व रजिस्ट्रेशन सभी जानकारी मोबाईल नम्बर 09424262547 पर सेंड करें ताकि संवाद में छत्तीसगढ़ के समस्त ज़िलों के न्यूज़ पोर्टलों की जानकारी एक साथ लेकर आयुक्त, जनसंपर्क विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, संवाद भवन, नया रायपुर को अवगत कराते हुए विज्ञापन जारी करवाया जा सके।

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर हुआ लोक सेवा आयोग के चयन में घोटाला ।

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पदस्थ महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज मृदुल रत्न चौरसिया द्वारा अपने रुतबे और पैसे के दम पर किया गया है, लोक सेवा आयोग के चयन में धांधली का पूरा कार्यक्रम ।


छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा 17/12/2015 को एक ऑनलाइन आवेदन जो की तकनीकी शिक्षा विभाग के पद के लिए निकल गया था उस पर भ्रष्टाचार के भस्मासुरों ने इतनी बड़ी धांधली की ।

जिनके माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर में कलेक्टर, आयुक्त, संभागीय आयुक्त, जोन आयुक्त आदि का चयन होता है, यदि लोग घुस देकर बड़े-बड़े पदों पर नियुक्त होंगे तो यह निश्चित है, कि भारत देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश का भविष्य अंधकार में ही डूबेगा ।

श्रीमती मृदुल रत्न चौरसिया ने स्वयं से प्रमाणित दस्तावेज दिया है जिस पर उन्होंने बताया है, कि वह पद में कार्यरत रहते हुये वर्ष 2009 से 2014 तक केवल 85 दिनों की है छुट्टी ली है साथ ही मृदुल रन चौरसिया ने पी॰ एचडी (P.Hd) कार्य के दौरान एक ही समय अवधि पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न जिलों में उपस्थित थी दर्ज कराई है ।

छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट के पास समस्त दस्तावेज उपलब्ध है जिस पर मृदुल रत्न चौरसिया द्वारा फर्जी दस्तावेज़ (सर्टिफिकेट )बनकर लोक सेवा आयोग में अपना चयन कराया है ।

#PSC #RAJNANDADGAON

रायपुर के NHMMI अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश, मृतक मरीज के परिजनों को लौटानी होगी बिल की रकम, धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक बनाये जाने से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ ।

#रायपुर के NHMMI अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश, मृतक मरीज के परिजनों को लौटानी होगी बिल की रकम, धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक बनाये जाने से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़।#रायपुर के विवादास्पद NHMMI अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही अपनी रिपोर्ट से छत्तीसगढ़ पुलिस को अवगत कराएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर जहाँ पुलिस स्वर्गीय भारती देवी खेमानी की इलाज के दौरान अकाल मौत को लेकर गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करेगी, वही धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक बनाये जाने से जुड़े मामले की जांच कर पृथक से एक अन्य FIR भी दर्ज करेगी।सूत्रों के मुताबिक इस FIR में लंबे समय तक MMI ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे कारोबारी सुरेश गोयल, ट्रस्टी सेठ राम अवतार अग्रवाल, मौजूदा अध्यक्ष समेत आधा दर्जन डॉक्टरों और एयर एम्बुलेंस सेवा के जिम्मेदार पदाधिकारियों का नाम सुर्ख़ियों में है। यह भी बताया जा रहा है कि मरीजों के जीवन रक्षा के बजाय कर्तव्यों से विमुख होकर अवैध उगाही के रूप में वसूली गई इलाज के बिल की पूरी रकम भी मृतक मरीज के पीड़ित परिजनों को लौटाने की सिफारिश की गई है। बताया जाता है कि इलाज के नाम पर पीड़ित परिवार को 15 लाख से ज्यादा का बिल थमा दिया गया था। यही नहीं मरीज की शिफ्टिंग के दौरान उपलब्ध कराई गई एयर एम्बुलेंस में ना तो वेंटिलेटर था, और ना ही डॉक्टर। मरीज को NHMMI से रायपुर एयरपोर्ट तक ले जाने वाली एम्बुलेंस में भी ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं थी। जबकि ऐसी जरुरी सेवाओं के लिए अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से लाखों वसूले थे। इसके अलावा हैदराबाद के संबंधित अस्पताल में मरीज के इलाज के लिए 2 करोड़ो का स्टीमेट भी पीड़ित परिवार को सौंपा गया था।गौरतलब है कि विगत दिनों 45 वर्षीय भारती देवी खेमानी की उस वक़्त मौत हो गई थी, जब उन्हें एयर एम्बुलेंस से रायपुर से हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। इसके बाद हरकत में आये प्रशासन ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम को काफी गंभीरता से लिया था। प्रशासन के सख्त रवैये के चलते इस मामले की जांच जल्द ख़त्म होने से पीड़ितों को न्याय की आस जगी है।सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने मरीज की मौत के लिए NHMMI प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस को FIR दर्ज करने की सिफारिश भी की गई है। हालाँकि इलाज के नाम पर लूटपाट की घटना के उजागर होते ही पीड़ित परिवार ने NHMMI के खिलाफ स्थानीय थाने में एक अन्य शिकायत भी दर्ज कराई थी। जानकारी के मुताबिक NHMMI प्रबंधन को इलाज के खर्च के नाम पर पीड़ित परिजनों से वसूली गई पूरी रकम भी विधिवत चुकानी होगी। मामला सेवा के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली और इलाज के दौरान भारी लापरवाही से जुड़ा बताया जाता है। इस प्रकरण में NHMMI अस्पताल और ट्रस्ट प्रबंधन के उद्देश्यों पर भी उंगली उठाई गई है।धर्मार्थ सेवा के नाम पर स्थापित किये गए इस अस्पताल को अचानक व्यावसायिक रूप देने और मरीजों से होने वाली अवैध वसूली की रकम से कई ट्रस्टियों के लाभान्वित होने पर कमेटी ने हैरानी जताई है। जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धर्मार्थ संस्था के रूप में दर्ज इस संस्थान को कतिपय प्रभावशाली तत्वों ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए इस अस्पताल को पेशेवर व्यावसायिक संस्थान के रुप में तब्दील कर दिया था।NHMMI से होने वाली आमदनी से कुछ प्रभावशील सदस्य आर्थिक रूप से लाभान्वित होते हुए भी पाए गए। बताया जाता है कि रायपुर के आमापारा इलाके में स्थित एक बिल्डिंग में NHMMI द्वारा डायग्नोसिस यूनिट संचालित की जाती है। यह बिल्डिंग कारोबारी सुरेश गोयल के करीबी और ट्रस्ट से जुड़े सेठ राम अवतार अग्रवाल की बताई जाती है।जानकारी के मुताबिक इस बिल्डिंग में नियमों के मुताबिक, ना तो मरीजों की रक्षा के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम है, और ना ही अन्य आवश्यक औपचारिकताएंपूर्ण है। बावजूद इसके NHMMI प्रबंधन इस ट्रस्टी को उपकृत करने के लिए प्रतिमाह लाखों की रकम खर्च कर रहा है।यही नहीं अस्पताल के कई विकास कार्यों में ट्रस्टियों को उपकृत किये जाने की जानकारी भी सामने आई है। बहरहाल, NHMMI प्रबंधन सवालों के घेरे में है। छत्तीसगढ़ ने इस मामले को लेकर प्रबंधन के सदस्यों से संपर्क भी किया। लेकिन कोई प्रति-उत्तर नहीं प्राप्त हो सका। फ़िलहाल, सेवा के नाम पर मरीजों के साथ लूटपाट जैसी वारदातों को रोकने के लिए रायपुर जिला प्रशासन की सख्ती से डॉक्टरी पेशे को उद्योग-धंधा बनाने वाले पूंजीपतियों में हड़कंप है।

आम आदमी से दूर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, बिना रिश्वत नहीं बना सकते लाइसेंस RTO रायपुर ।

रायपुर — की जनता से सरकारें बड़े बड़े दावे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही सामने देखने को मिलता है, जी हां ऐसा कुछ नजारा देखने को मिला, राजधानी रायपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय रायपुर में लाइसेंस बनाने को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है एक नहीं दो नहीं बल्कि चार-चार लोग एक साथ यह शिकायत कर रहे हैं कि लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए हमसे एक ₹1000 की रिश्वत मांग रहे हैं और नहीं देने पर अधिकारी से बात करो या फिर पैसे दो इसी शर्त पर लाइसेंस बनेगा अब देखने वाली बात ये है कि परिवहन विभाग ने जब ऑनलाइन का सिस्टम बनाया है तो फिर इन रिश्वतखोरों का यहां पर दुकान किस तरह से लग रही है सूत्रों की माने तो हर रोज इन रिश्वतखोरों को लाखों रुपए का चढ़ावा चढ़ाया जाता है और जो चढ़ावा चढ़ाते हैं उससे कोई भी सवाल जवाब नहीं किया जाता नहीं उसे ट्रायल लिया जाता है, साफ शब्दों में कहा जाए तो रिश्वत दो लाइसेंस लो,का फार्मूला फिट बैठता है, जो रिश्वत नहीं देते उसे ट्रायल में फेल कर दिया जाता है या फिर कोई ना कोई कमी निकाल कर परेशान किया जाता है इन सब का चक्कर काट काट कर भोली भाली जनता परेशान होकर चढ़ावा चढ़ाने को मजबूर हो जाता है, आप को बता दूं कि लाइसेंस नहीं होने पर आए दिन ट्रैफिक विभाग परेशान करता है, जिसे लेकर जनता मजबूर होकर रिश्वत देकर लाइसेंस बनवाने के लिए मजबूर होते है, भाजपा शासित राज्य में परिवहन विभाग का कारनामा घोर निंदनीय है क्योंकि भाजपा का यह नारा था ना हम खाएंगे ना खाने देंगे फिर भाजपा शासित राज्य में ही इस तरह का रिश्वतखोरी देखने को मिल रहा है परिवहन विभाग में यह बात कोई नई नहीं है इससे पहले भी आप सब ने कई खबर पढ़ी होगी कि लाइसेंस बनाने के नाम पर लोगों को किस तरह से लूटा जाता है लोग चक्कर काट कर किस तरह परेशान हो जाते हैं यह बात किसी से छुपी नहीं है, सिर्फ लाइसेंस की बात नहीं है परिवहन विभाग में बिना रिश्वत दिए आप कोई काम नहीं करा सकते आप सब अच्छे से जानते है, अब देखने वाली बात होगी कि खबर प्रकाशित होने के बाद भाजपा की विष्णुदेव सरकार जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करती है ।

थाना प्रभारी पण्डरी को (IG) अमरेश कुमार मिश्रा द्वारा तत्काल निलंबित ।

रायपुर रेंज (IG) अमरेश कुमार मिश्रा ने आज एक प्रकरण में बरती गई लापरवाही के चलते मोवा थाना प्रभारी (TI) को निलंबित कर दिया है । यह मामला विधानसभा थाना क्षेत्र में हुई चोरी से जुड़ा हुआ है, जिसका मशरूका पंडरी थाना क्षेत्र से जप्त किया गया था। आईजी ने अपने आदेश में लिखा कि थाना पण्डरी में चोरी के आरोपियों से मशरूका जप्त किया गया, परन्तु विधानसभा थाना क्षेत्र के प्रकरण में जप्त सामाग्री के संबंध में न तो संबंधित थाने को सूचित किया गया और न ही प्रकरण में विधिसंगत कार्यवाही की गई ।
इस प्रकार प्रकरण में बरती गई लापरवाही के फलस्वरूप निरीक्षक मल्लिका बैनर्जी, थाना प्रभारी पण्डरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केन्द्र रायपुर संबद्ध किया जाता है । निलंबन के दौरान नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा ।

पुलिस विभाग द्वारा आज पंडरी थाना प्रभारी को निलंबित किया गया क्योंकि उन्होंने दूसरे थाना अंतर्गत क्षेत्र में किए गये वाहन चोरी के शिकायत पर जप्त वहां को विधानसभा थाने में सूचित ना करते हुये किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की क्यूकी इसमे थाना प्रभारी पंडरी का निजी स्वार्थ था ।

परंतु रायपुर रेंज (IG) अमरेश कुमार मिश्रा सवाल उठता बनता है, कि जब किसी महिला के साथ रात में 1:00 घर में घुसकर बदतमीजी की जाती है, जो पुलिस अपने आप को यह बताती है, कि यह महिलाओं की सेवा और सुरक्षा में 24 घंटे तत्पर रहते हैं उनके उन पुलिस द्वारा थाना कवि नगर में महिला के किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं लिखी जाती है, परंतु दूसरे व्यक्ति द्वारा थाने में एक शिकायत दर्ज की जाती है — जिस कारण उन महिलाओं को सुबह 7:00 से लाकर रात को 11:00 बजे तक कबीर नगर थाना प्रभारी दीपेश जायसवाल द्वारा बैठक पूछताछ किया जाता है जिस पर उन महिलाओं का किसी प्रकार का कोई दोष नहीं है । उन महिलाओं के द्वारा ही शिकायत पर व्यक्ति को रायपुर तक लाने में पुलिस विभाग की मदद की जाती है परंतु पुलिस विभाग महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं लिखता है ।