छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पदस्थ महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज मृदुल रत्न चौरसिया द्वारा अपने रुतबे और पैसे के दम पर किया गया है, लोक सेवा आयोग के चयन में धांधली का पूरा कार्यक्रम ।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर द्वारा 17/12/2015 को एक ऑनलाइन आवेदन जो की तकनीकी शिक्षा विभाग के पद के लिए निकल गया था उस पर भ्रष्टाचार के भस्मासुरों ने इतनी बड़ी धांधली की ।
भ्रष्टाचार के भस्मासुरों ने लोक सेवा आयोग को भी नहीं छोड़ा ।
जिनके माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश भर में कलेक्टर, आयुक्त, संभागीय आयुक्त, जोन आयुक्त आदि का चयन होता है, यदि लोग घुस देकर बड़े-बड़े पदों पर नियुक्त होंगे तो यह निश्चित है, कि भारत देश और छत्तीसगढ़ प्रदेश का भविष्य अंधकार में ही डूबेगा ।
श्रीमती मृदुल रत्न चौरसिया ने स्वयं से प्रमाणित दस्तावेज दिया है जिस पर उन्होंने बताया है, कि वह पद में कार्यरत रहते हुये वर्ष 2009 से 2014 तक केवल 85 दिनों की है छुट्टी ली है साथ ही मृदुल रन चौरसिया ने पी॰ एचडी (P.Hd) कार्य के दौरान एक ही समय अवधि पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न जिलों में उपस्थित थी दर्ज कराई है ।
छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट के पास समस्त दस्तावेज उपलब्ध है जिस पर मृदुल रत्न चौरसिया द्वारा फर्जी दस्तावेज़ (सर्टिफिकेट )बनकर लोक सेवा आयोग में अपना चयन कराया है ।
घटना धमतरी जिले के चटौद ग्राम स्थित सरकारी स्कूल का है, जहां सरकारी स्कूल होने के बावजूद सरकारी स्कूल व सरकारी जमीन पर प्राइवेट संस्थानों ने कब्जा कर प्राइवेट स्कूल खोला है ।
सरकारी स्कूल में निशुल्क में शिक्षा दी जानी चाहिए वहीं सरकार से मिली भगत कर कुछ दलालों व राजनेताओ ने प्राइवेट संस्थानों को अनुमति दी है जिससे कि इन दलालों एवं वहां के स्थानीय राजनेताओं को निरंतर रूप से आमदनी हो इस भ्रष्टाचार पर जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर विधायक भी लिप्त है ।
जानकारी ऐसी भी है, कि शासकीय प्राथमिक शाला चटौद के नाम से आवंटित जमीन पर कुछ दलाल वहां कब्जा कर फसल की पैदावार कर उसे बेच रहे हैं और जिसका फायदा केवल दलाल ले रहे हैं जबकि उन पैसो का उपयोग शासकीय प्राथमिक शाला चटौद के रखरखाव मे होना था परंतु फसल के पैदावार से अर्जित धन को दलालो व राजनेता द्वारा आपने निजी उपयोग मे किया जा रहा है, यह शासन, प्रशासन, शिक्षा विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही है, की आज वर्तमान समय में सब चीज हाईटेक होने के बाद भी प्रशासन कागजी कार्यवाही पर भरोसा करता है । जिसका फायदा यह राजनेता और दलाल उठाते हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि यह पूरे मामले में निर्वाचन आयोग भी पीछे नहीं रहा निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं ।
निर्वाचन आयोग द्वारा हर चुनाव में चटौद के शासकीय प्राथमिक शाला चटौद का इस्तेमाल किया जाता है, जो की सरकारी है और उस शासकीय प्राथमिक शाला चटौद को जो कि 1986 मे निमार्ण हुआ हैं, जिसकी कोई मरमत रखरखाव नही किया गया उसे निर्वाचन आयोग रेडी टू फिट कंडीशन में बात कर वहां मतदान भी कराया जाता है जबकि शासकीय प्राथमिक शाला चटौद की स्थिति जर्जर हो चुकी है शासकीय प्राथमिक शाला चटौद की छत कभी भी गिर सकता है पर प्राइवेट संस्थानों से घूस लेकर निर्वाचन आयोग के अधिकारी रेडी टू फिट कंडीशन बता कर वहां पर चुनाव भी करवाते हैं ।
शासकीय प्राथमिक शाला चटौद के क्षेत्र अंतर्गत सरकार द्वारा राजीव गांधी भवन का निर्माण करवाया गया जो की आज शाला क्षेत्र के अंतर्गत नशेड़ियों व शराबियों के लिये एक अड्डा बना हुआ है, जिस पर वहां के स्थानीय थाना एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जानकारी होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है ।
राजीव गांधी भवन के अंदर नशेड़ी,शराबी शराब पीकर बोतल फोड़कर वहीं चले जाते हैं जहां कांच के टुकड़े अत्यधिक मात्रा में बिखरे हुये हैं और उसी जगह पर स्कूल के सभी बच्चे लंच टाइम पर खेल-कूद करते हैं यदि कल को कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन होगा ।
राज्य सरकार, जिला दंडाधिकारी धमतरी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं निर्वाचन के अधिकारियों को शिकायत की गयी है परंतु किसी के द्वारा कोई भी कार्यवाही आज दिनांक तक कब्जे वाली जमीन एवं कब्जे किये गये स्कूल के जमीन के लिए किसी प्रकार की कोई कार्यवाही कोई भी अधिकारी, राजनेता ने आज तक नहीं किया है ।
क्यूकि जिला दंडाधिकारी धमतरी, जिला शिक्षा अधिकारी एवं निर्वाचन के अधिकारियों सब कही न कही भ्रष्टाचार मे शामिल हैं ।
33 वीं अखिल भारतीय जीवी मावलंकर केरल तिरुवनंतपुरम में शूटिंग में अहमद अली चिश्तीने छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया।
अहमद अली चिस्ती को छत्तीसगढ़ के इतिहास में पदक पहली बार मिला, अखिल भारतीय स्टार पे उक्त श्रेणी का पहला मैडल है ।
रायपुर,केरल के तिरुवनंतपुरम 33वीं अखिल भारतीय जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप 3 से 9 नवंबर, शूटिंग रेंज प्रतियोगिता आयोजित की गईं . इस प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के तत्वावधान में और केरल राज्य राइफल एसोसिएशन द्वारा किया गया था . यह प्रतियोगिता एनआरएआई मैच बुक के नियमों और विनियमों के मुताबिक आयोजित की गईंजिसमे छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले निशानेबाज अहमद अली चिश्ती जो की खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम बलौदा बाजार में शासकीय कर्मचारी हैँ इन्होने 50 मीटर ओपन साइट प्रोन प्रतियोगिता में भाग लेकर मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए अहमद अली ने रजत बादक पे निशाना साधा .आप को बता दे कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह अखिल भारतीय स्टार पे उक्त श्रेणी का पहला मैडल है जो की अहमद ने छत्तीसगढ़ के लिए लाया है अहमद ने 5 नवंबर को यह मैच खेलकर सफ़लता हासिल की।फ़ोन पे हुए साक्षात्कार में अहमद अली चिस्ती ने बताया कि इस सफलता के पीछे मित्रो के अलावा अपने जिला प्रबंधक नितिन दिवान के सहयोग को भी अपनी सफलता का श्रेय दिया।
#रायपुर के NHMMI अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश, मृतक मरीज के परिजनों को लौटानी होगी बिल की रकम, धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक बनाये जाने से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़।#रायपुर के विवादास्पद NHMMI अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही अपनी रिपोर्ट से छत्तीसगढ़ पुलिस को अवगत कराएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर जहाँ पुलिस स्वर्गीय भारती देवी खेमानी की इलाज के दौरान अकाल मौत को लेकर गंभीर धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करेगी, वही धर्मार्थ अस्पताल को व्यावसायिक बनाये जाने से जुड़े मामले की जांच कर पृथक से एक अन्य FIR भी दर्ज करेगी।सूत्रों के मुताबिक इस FIR में लंबे समय तक MMI ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे कारोबारी सुरेश गोयल, ट्रस्टी सेठ राम अवतार अग्रवाल, मौजूदा अध्यक्ष समेत आधा दर्जन डॉक्टरों और एयर एम्बुलेंस सेवा के जिम्मेदार पदाधिकारियों का नाम सुर्ख़ियों में है। यह भी बताया जा रहा है कि मरीजों के जीवन रक्षा के बजाय कर्तव्यों से विमुख होकर अवैध उगाही के रूप में वसूली गई इलाज के बिल की पूरी रकम भी मृतक मरीज के पीड़ित परिजनों को लौटाने की सिफारिश की गई है। बताया जाता है कि इलाज के नाम पर पीड़ित परिवार को 15 लाख से ज्यादा का बिल थमा दिया गया था। यही नहीं मरीज की शिफ्टिंग के दौरान उपलब्ध कराई गई एयर एम्बुलेंस में ना तो वेंटिलेटर था, और ना ही डॉक्टर। मरीज को NHMMI से रायपुर एयरपोर्ट तक ले जाने वाली एम्बुलेंस में भी ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं थी। जबकि ऐसी जरुरी सेवाओं के लिए अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित परिवार से लाखों वसूले थे। इसके अलावा हैदराबाद के संबंधित अस्पताल में मरीज के इलाज के लिए 2 करोड़ो का स्टीमेट भी पीड़ित परिवार को सौंपा गया था।गौरतलब है कि विगत दिनों 45 वर्षीय भारती देवी खेमानी की उस वक़्त मौत हो गई थी, जब उन्हें एयर एम्बुलेंस से रायपुर से हैदराबाद शिफ्ट किया जा रहा था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था। इसके बाद हरकत में आये प्रशासन ने मामले की जांच के निर्देश दिए थे। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम को काफी गंभीरता से लिया था। प्रशासन के सख्त रवैये के चलते इस मामले की जांच जल्द ख़त्म होने से पीड़ितों को न्याय की आस जगी है।सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने मरीज की मौत के लिए NHMMI प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पुलिस को FIR दर्ज करने की सिफारिश भी की गई है। हालाँकि इलाज के नाम पर लूटपाट की घटना के उजागर होते ही पीड़ित परिवार ने NHMMI के खिलाफ स्थानीय थाने में एक अन्य शिकायत भी दर्ज कराई थी। जानकारी के मुताबिक NHMMI प्रबंधन को इलाज के खर्च के नाम पर पीड़ित परिजनों से वसूली गई पूरी रकम भी विधिवत चुकानी होगी। मामला सेवा के नाम पर मरीजों से अवैध वसूली और इलाज के दौरान भारी लापरवाही से जुड़ा बताया जाता है। इस प्रकरण में NHMMI अस्पताल और ट्रस्ट प्रबंधन के उद्देश्यों पर भी उंगली उठाई गई है।धर्मार्थ सेवा के नाम पर स्थापित किये गए इस अस्पताल को अचानक व्यावसायिक रूप देने और मरीजों से होने वाली अवैध वसूली की रकम से कई ट्रस्टियों के लाभान्वित होने पर कमेटी ने हैरानी जताई है। जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा धर्मार्थ संस्था के रूप में दर्ज इस संस्थान को कतिपय प्रभावशाली तत्वों ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए इस अस्पताल को पेशेवर व्यावसायिक संस्थान के रुप में तब्दील कर दिया था।NHMMI से होने वाली आमदनी से कुछ प्रभावशील सदस्य आर्थिक रूप से लाभान्वित होते हुए भी पाए गए। बताया जाता है कि रायपुर के आमापारा इलाके में स्थित एक बिल्डिंग में NHMMI द्वारा डायग्नोसिस यूनिट संचालित की जाती है। यह बिल्डिंग कारोबारी सुरेश गोयल के करीबी और ट्रस्ट से जुड़े सेठ राम अवतार अग्रवाल की बताई जाती है।जानकारी के मुताबिक इस बिल्डिंग में नियमों के मुताबिक, ना तो मरीजों की रक्षा के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम है, और ना ही अन्य आवश्यक औपचारिकताएंपूर्ण है। बावजूद इसके NHMMI प्रबंधन इस ट्रस्टी को उपकृत करने के लिए प्रतिमाह लाखों की रकम खर्च कर रहा है।यही नहीं अस्पताल के कई विकास कार्यों में ट्रस्टियों को उपकृत किये जाने की जानकारी भी सामने आई है। बहरहाल, NHMMI प्रबंधन सवालों के घेरे में है। छत्तीसगढ़ ने इस मामले को लेकर प्रबंधन के सदस्यों से संपर्क भी किया। लेकिन कोई प्रति-उत्तर नहीं प्राप्त हो सका। फ़िलहाल, सेवा के नाम पर मरीजों के साथ लूटपाट जैसी वारदातों को रोकने के लिए रायपुर जिला प्रशासन की सख्ती से डॉक्टरी पेशे को उद्योग-धंधा बनाने वाले पूंजीपतियों में हड़कंप है।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में पूर्व से नियोजित / कार्यरत अतिथि शिक्षक जिन्हे तत्कालीन संचालक महोदया द्वारा अपनी अकर्मण्यता के चलते केंद्र शासन द्वारा राज्य में पदस्थ अतिथि शिक्षकों की जानकारी मांगे जाने पर निरंक जानकारी भेज कर हम लोगों को निर्दयता व क्रूरता से विद्यालय से निकालकर बेरोजगार कर दिया गया है जो की पिछले 8-10 वर्षो से निरंतर अपनी सेवा देकर एवं परिसर में रहकर अध्ययनरत विद्यार्थियों के देखभाल से लेकर आदिवासी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर विद्यालय का नाम रोशन किया है।भारत सरकार जनजातीय मंत्रालय राष्ट्रीय आदर्श आदिवासी छात्र – शिक्षा समिति NESTS द्वारा विज्ञापन क्र. NESTS/Admin/GBM/31/2020-21 Dated 02-06-2023 ke भर्ती प्रक्रिया में अनुभव का लाभ नहीं दिया गया ना ही किसी प्रकार की प्राथमिकता दी गई एवं छत्तीसगढ राज्य आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान, इंद्रावती भवन, अटल नगर, रायपुर द्वारा नियोजित अतिथि शिक्षको के हित में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया। भारत के अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को पहले स्थाई किया गया शेष बचे पदों पर केंद्र ने भर्ती किया (सुलभ संदर्भ हेतु अन्य राज्यों में किए गए भर्ती आदेश की प्रति संलग्न ) प्रशासन के गलती के चलते हम समस्त अतिथि शिक्षक का भविष्य अंधकारमय हो गया है एवं हमारे परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ कर हमेशा के लिए बेरोजगार कर दिया गया है। इसी संदर्भ में हम हमारे राज्य के समस्त जन प्रतिनिधियों से मुलाकात किये और साथ ही हम हमारे राज्य के सहृदय मुख्यमंत्री माननीय श्री विष्णु देवसाय जी से मुलाकात कर हमारी समस्यायों से अवगत कराये उनके द्वारा मौखिक रूप से आश्वाशन दिया गया कि आप समस्त एकलव्य अतिथि शिक्षको को राज्य के शिक्षा विभाग में संविलियन कराकर आप सभी के लिए रोजगार की व्यवस्था करेंगे । उन्होंने तत्परता दिखाते हुए अपने सचिव पी० दयानंद जी एवं स्कूल शिक्षा सचिव / संचालक को दूरभाष पर निर्देशित किया गया अगले कैबिनेट की बैठक में अतिथि शिक्षकों के संविलियन हेतु नस्ती प्रस्तुत करें किन्तुआज छः से सात महीने बीत चुके है हमारी नस्ति केबिनेट में प्रस्तुत नहीं की जा सकी है । माननीय मुख्यमंत्री जी ने दोबारा तत्काल नस्ती प्रस्तुत करने अपने सचिव दयानंद जी को एवं स्कूल शिक्षा सचिव जी को इस संबंध में तत्काल नस्ती प्रस्तुत करने निर्देशित किये । हम इन छः से सात महीनो में लगातार छत्तीसगढ़ के तमाम जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करते रहे सभी के द्वारा आश्वासन मिल रहा है की आप लोगो का कार्य हो रहा है किंतु आज तक हमारा कुछ नही हो पाया हमको कोई लिखित में आदेश नही मिल पाया ।हमारी आर्थिक मानसिक स्थिति दिनों दिनों खराब होते जा रही है हमको हमारे परिवार का पालन पोषण करने में बहुत संकट आ रही है । जान पहचान एवं अपने रिश्तेदारों से उधारी ले लेकर अपना एवं परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं ।स्तिथि यह बन गईं है कि हमारे शिक्षकों का पिछले साल शादी हुआ तो टूटने के कगार पर आ चुका है तलाक के कोर्ट में याचिका कर रहे है इसका मुख्य कारण हमारा बेरोजगारी है , एक संस्था को 10 साल देने का यह परिणाम है । हम लोगों का सुध लेने वाला कोई नहीं है हम आपके पत्र के माध्यम से शासन से निवेदन करते है की माननीय सहृदय मुख्यमंत्री जी द्वारा हमारे संविलियन की नस्ती को कैबिनेट बैठक जल्द से जल्द में रखने हेतु ठोस आश्वासन देकर हमें जीने के लिए संबल प्रदान करें और हमें अपमानित होने से बचायें ।
श्रीमान संपादक महोदय से करबद्ध निवेदन है पूर्व में भी आपने हमारी समस्या को वृहद रूप में एवं सद्भावना पूर्ण अपने पत्र में स्थान देते हुए प्रकाशित किए थे ।अभी कहीं भी कोई आशा का किरण नहीं दिख रही है ऐसे में आप हमें सहयोग कर अपना साथ एवं संबल प्रदान करेंगे ।
प्रदेश अध्यक्ष / उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ एकलव्य अतिथि शिक्षक संघ