
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल मिश्रा का खुलासा: रायपुर में ‘मौत का माया जाल’, राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ठगों का नेटवर्क सक्रिय हैं – छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सामाजिक कार्यकर्ता राहुल मिश्रा ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया है कि शहर में एक ऐसा ठग गिरोह सक्रिय है, जो भोली-भाली जनता को झूठे सपने दिखाकर फंसा रहा है और उसके पीछे मजबूत राजनीतिक संरक्षण है। राहुल मिश्रा का आरोप: “यह सिर्फ ठगी नहीं, यह जनता की हत्या है”
राहुल मिश्रा ने कहा, – “इन ठगों ने कर्ज माफी, रोजगार, स्वास्थ्य सेवा और निवेश जैसे मुद्दों का सहारा लेकर लोगों की जिंदगी को बर्बाद किया है। जब कोई आवाज उठाता है, तो उसे डराया जाता है या नजरअंदाज कर दिया जाता है ।” मिश्रा ने दावा किया कि उन्होंने दर्जनों पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है, जो न केवल आर्थिक नुकसान झेल चुके हैं, बल्कि मानसिक तनाव से भी जूझ रहे हैं।
फर्जी संस्थाओं और NGO का सहारा राहुल मिश्रा के अनुसार, यह गिरोह फर्जी फ़ार्मे, एनजीओ, महिला, और सामाजिक अभियान की आड़ में फंडिंग जुटाता है। इसके साथ ही नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर अपने को “सरकारी मान्यता प्राप्त” बताता है।
प्रशासन और सरकार से की सीधी मांग उन्होंने रायपुर पुलिस और राज्य सरकार से मांग की कि इस पूरे नेटवर्क की निष्पक्ष जांच हो और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त ठगों के खिलाफ फौरन कठोर कार्रवाई की जाए।
“अगर कार्यवाही नहीं हुई, तो यह माफिया पूरे छत्तीसगढ़ को निगल जाएगा ।” – राहुल मिश्रा ने आम जनता से अपील की कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था संदिग्ध लगे, तो उसकी जांच करवाएं और झांसे में न आएं ।



“यह जाल जितना दिखता है, उससे कहीं अधिक खतरनाक है। यह चुप्पी नहीं, संघर्ष का समय है।”
— राहुल मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इन दिनों एक ऐसे ठगी नेटवर्क का केंद्र बनता जा रहा है, जो आम लोगों को अपनी चकाचौंध भरी बातों और योजनाओं से फांस कर आर्थिक और मानसिक रूप से तबाह कर रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे जाल के पीछे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त गिरोह सक्रिय हैं, जो कानून से ऊपर खुद को समझते हैं ।
सपनों का सौदा, मौत का सौदा – इन ठगों द्वारा लोगों को नकली निवेश योजनाएं, रोजगार के फर्जी वादे, कर्ज माफी, और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर फंसाया जा रहा है। एक बार फंसने के बाद लोगों की पूंजी, संपत्ति और मानसिक शांति छीन ली जाती है ।
पीड़ितों का कहना है कि शिकायत के बाद भी पुलिस कार्यवाही में टालमटोल करती है — क्योंकि कई मामलों में आरोपियों के पीछे स्थानीय राजनीतिक दलों के रसूखदार नेताओं का हाथ है।

चौंकाने वाले खुलासे – हाल ही में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ कि इस गिरोह के सदस्य फर्जी NGO, , और महिला सहायता संगठनों के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूलते हैं । एक वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया, “यह सिर्फ ठगी नहीं है, यह जनता की जिंदगी से खिलवाड़ है। राजनीतिक छाया में पनप रहे ऐसे लोगों के खिलाफ यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह पूरे राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है ।” प्रशासन मौन, जनता त्रस्त – जहां एक ओर ठग अपना साम्राज्य बढ़ा रहे हैं, वहीं प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। अब जनता, सामाजिक संगठन और स्वतंत्र पत्रकार मिलकर इस माया जाल को उजागर करने की मुहिम में जुट चुके हैं।

विजय अग्रवाल, नीना अग्रवाल, सर्वेश पांडे, सुधीर गुप्ता, ओमप्रकाश, सागर श्रीवास्तव व मनोज मिश्रा ने राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर बैंको के साथ साज-गाठ कर फर्जी लोन दिला कर छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूर, महिलाओ, जनसाधारण जनता को कर्ज के दलदल में धकेल कर उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने (उत्तेजित करने) का प्रयास किया जा रहा है । जिनका शोषण राजनीतिक संरक्षण प्राप्त विजय अग्रवाल, नीना अग्रवाल, सर्वेश पांडे, सुधीर गुप्ता, ओमप्रकाश, सागर श्रीवास्तव व मनोज मिश्रा से ठगी के शिकार हुए हैं । विजय अग्रवाल, नीना अग्रवाल, आरोही अग्रवाल, अनमोल अग्रवाल, सर्वेश पांडे, सुधीर गुप्ता, ओमप्रकाश, सागर श्रीवास्तव द्वारा प्रवासी मजदूर, महिलाओं एवं जनसाधारण लोगों को चिन्हित कर उन लोगों को फर्जी लोन दिलाने का काम किया जाता है । इनके द्वारा कई सरकारी बैंकों के साथ साझ-गाठ अनेको लोगो से ठगी की गयी हैं, सारा काम DSA की अड़ लेकर सुधीर गुप्ता, ओमप्रकाश, सागर श्रीवास्तव किया गया हैं । यह ठग गिरोह कम पढ़े-लिखे, मजदूर,महिलाओ का लोन कराकर लोन की राशि को आपने अन्य फर्जी फार्मो मे ट्रांसफर करा लिया करते हैं । इन ठग गिरोह के साथ कुछ CA भी हैं जिनके साथ मिल कर फर्जी फॉर्म बनाते है, उन फार्मो के नाम से जीएसटी रजिस्ट्रेशन, गुमास्ता आदि अन्य रजिस्ट्रेशन तैयार कर उनके समस्त दस्तावेज गिरोह के सदस्य नीना अग्रवाल, विजय अग्रवाल, सर्वेश पांडे, सागर श्रीवास्तव, मनोज मिश्रा व सुधीर गुप्ता अपने पास रखते हैं, यदि कोई जनसाधारण हिम्मत करके थाने में कंप्लेंट करने का कोशिश करता है, तो राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण इस पर किसी प्रकार का कोई भी शिकायत दर्ज नहीं किया जाता हैं ।

महोदय जी विजय अग्रवाल, नीना अग्रवाल ठग गिरोह के साथ कई सरकारी बैंकों के अधिकारी मिले हुए हैं, जिनके माध्यम से यह फर्जी लोन करते हैं, बहुत सारे लोन में उनके द्वारा लोन में जिस संपत्ति का जिक्र किया गया है, सरकारी रोड की जमीन है या खसरे मे जमीन नहीं है, बैंको के अधिकारी द्वारा मिली-भगत होने के कारण बिना जांच-परख लोन किया जाता हैं, बाद में यह ठग गिरोह अपने अन्य फॉर्म में लोन के राशि को ट्रांसफर करवा लेते हैं और जिन लोगो का लोन कराया गया हैं उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता हैं है, पीड़ा को भोगने के लिए उनके हाल पर छोड़ देते हैं, जिसकारण कई लोगों ने इन ठग गिरोह के कारण आत्महत्या तक कर लिये है और पूर्व में इन ठग गिरोह के लोगो पर 71 करोड़ की GST चोरी का आरोप लगा था जिसकारण उनके कुछ साथियों को जेल की सजा हुई हैं, साथ ही साथ यह यह ठग गिरोह GST चोरी, हवाला करने का एक ऐसा साधन बना कर रखे हैं, जिस पर यह रायपुर से खाली गाड़ी महाराष्ट्र बॉर्डर तक जाती है और वहां से बिल्टी पर सील-साइन करवा कर खाली गाड़ी ही वापस आती है परंतु राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण RTO द्वारा गाड़ी रोकी नहीं जाती है । इनसे सवाल जवाब करने का हिम्मत करता है, तो महोदय जी यह ठग गिरोह द्वारा जान से मारने व देख लेनी की धमकी दी जाती हैं । पीड़ित पक्ष के पास उनके साथ हुए फर्जी वाले की समस्त दस्तावेज उपस्थित है ।
ठग गिरोह नीना अग्रवाल, विजय अग्रवाल, सुधीर गुप्ता ,सर्वेश पांडे व अन्य द्वारा मुख्यतौर से विधानसभा के सकरी ग्राम जैतखाम के पास सारी घटनाओं को अंजाम दिया जाता है जहां लगभग 40 से अधिक फार्मो का रजिस्ट्रेशन बताया गया है ।
निम्न बिन्दुओ जिनमे ध्यान देने की अवशकता हैं _
- विधान सभा के ग्राम सकरी जैतखाम के पास 40 से अधिक फॉर्म का रजिस्ट्रेशन बड़ी भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है ।
- रोड व सरकारी जमीनों पर बैंक द्वारा बिना जांच के लोन प्रदान करना बैंक के अधिकारीओ के साथ इस ठग गिरोह की साझ-घाट की ओर इशारा करता है ।
- रायपुर से खाली गाड़ी महाराष्ट्र बॉर्डर तक जाती है, जिसका पता RTO को होने के बाद भी RTO द्वारा गाड़ियों की चेकिंग ना किया जाना RTO अधिकारी के साथ मिली भगत एवं भ्रष्टाचार दर्शाता हैं ।
- लोन लिए गए व्यक्ति द्वारा एक ही समय में अन्य फॉर्म में पैसा ट्रांसफर किया जाना एवं ट्रांसफर भी ठग गिरोह के अकाउंट में किया जाना यह एक बड़े अपराध को जन्म देने का कारण बन सकता है ।
- ठग गिरोह के दो सदस्य द्वारा हाई कोर्ट बिलासपुर से एक आर्डर पास कर लिया गया है, उस ऑर्डर पर स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है, कि यदि कोई व्यक्ति द्वारा शिकायत किया जाएगा तो उस पर कार्यवाही की जाएगी परंतु पुलिस प्रशासन में ऐसा क्या भाय (डर) फैला हुआ है, कि उस ऑर्डर के दम पर ठग विजय अग्रवाल हर किसी FIR(शिकायत) करवाने वाले व्यक्ति पर बोलता है, कि मेरे ऊपर कोई भी शिकायत (एफ़आईआर) दर्ज नहीं हो सकती है और पुलिस भी मौन होकर उस ठग विजय अग्रवाल की यह बात को स्वीकार कर लेता है ।
- कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन भी इस पूरे भ्रष्टाचार में शामिल है, इस कारण इस CBI जांच करवाई जानी चाहिए ।









“राजनीतिक शह पर पल रहे इन अपराधियों की असलियत उजागर करना समय की मांग है ।” यदि आप भी किसी ऐसे फ्रॉड का शिकार हुए हैं या जानकारी रखते हैं, तो चुप न रहें — आवाज़ उठाएं ।