रायपुर रेलवे स्टेशन को अवैध पार्किंग का हिस्सा बना दिया गया है। पार्किंग के नाम पर हो रही गुंडागर्दी। स्टेशन ग्राउंड करने पर पार्किंग शुल्क भी लिया जाता है।

राजधानी रायपुर रेल्वे स्टेशन में आये दिन समाचार पत्रों एवं न्यूज़ पोर्टल में आप लोगों को सुनने को मिलता होगा कि रायपुर रेलवे स्टेशन में पार्किंग के नाम से लोगों के साथ बदतमीजी की घटना प्रसाशन मुकदर्शक ।
ऐसा ही एक वाक्य आज फिर रायपुर रेलवे स्टेशन में अवैध पार्किंग वसूले जाने को लेकर हुआ है जिसमें एक पत्रकार से रेलवे स्टेशन विजिट करने पर पार्किंग चार्ज मांगा गया और जब पत्रकार द्वारा मना किया गया तो उसके साथ बदतमीजी किया गया गईं । बात यहा है की पत्रकार एक महिला है जिनके साथ पार्किंग का कार्य कर रहे कर्मचारियों द्वारा बदतमीजी कर पार्किंग वसूलने की कोशिश किया गया और बोला गया की विजिट करो या ना करो आपको पार्किंग देना पड़ेगा अब पत्रकार साथी सब मिलकर इसकी शिकायत RAIPUR DRM को देने की तैयारी कर रहे हैं क्योंकि आए दिन सुनने को मिलता है की पार्किंग के लिए जिन लड़कों को रखा गया है वह किसी न किसी के साथ हमेशा बदतमीजी करते रहते हैं । यह नहीं देखे कि सामने व्यक्ति कौन है, यदि कोई रात को 11:00 के बाद अपने परिजन को रेल्वे स्टेशन छोडने जाते हैं ,यदि कोई लड़की रही तो उसके साथ भी पार्किंग कर्मचारी लोग मिल कर बदतमीजी करते हैं ।

बताया जाता हैं कि रात में जो भी पार्किंग कर्मचारी होता है उनका शिकायत लोगों के द्वारा हमेशा सुनने को मिलता है, कि वह दारू पी के नशे में धुत्त रहते हैं और आने जाने वाले यात्री एवं उनके परिजनों के साथ बदतमीजी करते हैं।

रायपुर रेलवे स्टेशन कि परेकिंग को एयरपोर्ट के आधार पर बनाया गया था परंतु अब यह पार्किंग नशे का अड्डा एवं गुंडो के रहने के लिए एक अच्छा सुरक्षित स्थान बन चुका है, जिसकी शिकायत पुलिस को की जाये या RAIPUR DRM किसी प्रकार का कोई सुनवाई नहीं किया जाता है ।

पूरे शहर में रायपुर पुलिस द्वारा निजात ऑपरेशन चलाया जा रहा है परंतु रायपुर पार्किंग में पुलिस आकर कभी चेक नहीं करती है यदि रात में रायपुर पुलिस जाकर पार्किंग के स्थान को चेक करें तो वहां नशे में झूलते हुए बहुत नशेड़ी एवं पार्किंग कर्मचारी मिलेंगे ।

#निजात अभियान #raipur police

सर्वे सूची से नाम ही गायब, नही मिली कलेक्टर से भी मदद, अब मुख्यमंत्री से लगाई दिव्यांग शिव कुमार ने गुहार ।

महासमुंद / भलेसर

महासमुंद के भलेसर गांव में रहने वाला शिव कुमार तांडेकर एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है लेकिन मामला आधे गांव के लोगो का है जिनका नाम सर्वे सूची से गायब कर दिया गया गांव के लोगो के साथ शिव कुमार भी अपना गुजारा यू ही चला रहा था लेकिन एक रोड एक्सीडेंट में 8 साल पहले शरीर में चोट आने की वजह से रीड की हड्डी टूट गई और शिव कुमार विल चेयर पर आ गया दो बच्चो का लालन पालन करना अब दुर्भर हो चला है , घर की हालत दिन ब दिन खस्ता होती चली गई ऐसे में शिव कुमार ने कलेक्टर से मदद के लिए चार साल से विल चेयर के सहारे घूम रहा है दिव्यांग होने के बावजूद न सरकारी सुविधाएं प्राप्त कर सका न प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ही प्राप्त हुआ , मामला तब तुल पकड़ा जब शिव कुमार को ये मालूम हुआ की गांव के सर्वे सूची से नाम ही गायब है सवाल यही उठता है की गांव के कई परिवारों के नाम सर्वे सूची से गायब है जिसके वजह से शासन द्वारा चलाए जा रहे तमाम तरह की योजनाओं से कई लोग वंचित हो जा रहे है ऐसे में शिव कुमार ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है ।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या अधिकारियों ने आज तक सुध क्यों नहीं ली , शिव कुमार ने विधायक से भी मुलाकात कर अपनी समस्या बताई इस के बावजूद भी जनप्रतिनिधि ने भी किसी तरह की मदद का आश्वासन नही दिया , ऐसे में अपने घर का भरण पोषण करने में असक्षम शिव कुमार क्या करे , सरकारी दावे की पोल खुलता हुआ दिखाई दे रहा है मामला।

आवास से छूटे लाभार्थियों के लिये मुख्यमंत्री आवास योजना का
लाभ दिया जाना है जिसमे आवास का लक्ष्य आने के बाद गांव गांव में
दिव्यांग, निराश्रित बेसहारा महिलाएं, दैवीय आपदा से प्रभावित लोग , गंभीर बीमारी में पीड़ित वालो को लाभ देने जैसे कार्य है जिसके लिए आवास का सर्वे शुरू होना तय किया गया है , करीब तीन महीने से
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण नए काम और
योजनाओं की घोषणा बंद थी। केन्द्र में नई सरकार की पहली
कैबिनेट बैठक में ही 3 करोड़ आवास जरूरतमंदों को देने की
योजना पर काम शुरू होना तय हुआ है। इस सबके बीच मुख्यमंत्री आवास योजना की घोषणा ने सालों से इंतजार में बैठे जरूरमंदो की आस पूरी कर दी है। दिव्यांग के साथ – साथ ऐसी महिलाएं जिनके पति की मौत हो चुकी है और उम्र 18 से 40 साल के बीच है उनको भी आवास दिए जाएंगे। दैवीय आपदा व गंभीर बीमारी के शिकार परिवारों को भी पात्रता के बाद मुख्यमंत्री आवास योजना में
शामिल किया जाएगा। महासमुंद भलेसर के खंड विकास अधिकारी की
यह जिम्मेदारी बनती है की नए सर्वे सूची का कार्य आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री आवासों की गाइडलाइन सचिवों को बताते हुए
पात्रों को प्रत्येक दशा में योजना से लाभान्वित कराने का निर्देश
दिया जाए और अपात्र लाभार्थियों का संज्ञान ले ताकि शासन द्वारा योजनाओं का लाभ मिल सके और होने वाली असुविधाओं से गरीब गरीबी से जूझ रहे परिवारों को बाहर निकालने में मदद कर सके ।

आम नागरिकों को
सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी
योजनाओं का लाभ सुगमतापूर्वक उन तक पहुंचाने के लिए सर्वे सूची का तैयार करवाना नए सिरे से जरूरी है ।
जिला और प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी के अलावा जनप्रतिनिधि स्वयं उनके प्रखंडों में आकर योजनाओं से उन्हें लाभान्वित होने के लिए प्रेरित कर सकते है जिस से गांव के अन्य घरों को शासन की योजनाओं के लिए उदासीनता का माहौल न रहे ।
सरकार की जितनी भी योजनाएं लागू होती हैं उसका पूरा-पूरा लाभ आमजनों तक नहीं पहुंच पाता है। अगर पंचायती राज सिस्टम अच्छे से कार्य करेंगे तो ज्यादा से ज्यादा लोग सरकार के द्वारा चलाए जा रहे
विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो सकेंगे , बात सिर्फ एक गांव के एक शिव कुमार की ही नही है ऐसे कई दिव्यांग , निराश्रित और बेघर घूम रहे कई ऐसे लाभार्थी है जिन्हे आज तक शासन के द्वारा चलाए जा रही योजनाओं का लाभ ही नही मिला है ऐसे ये अधिकारियों की लापरवाही है की अपने काम को सही तरीके से न करने की वजह से गरीब मरने की स्थिति में पहुंच गए है लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई भी नही , शिव कुमार पहले स्वस्थ था , लेकिन एक एक्सीडेंट ने उस से उसकी जिंदगी का सुख छीन लिया , आज वह दिव्यांगो की श्रेणी में आ चुका है , घर की हालत जर्जर हो चुकी है और बारिश के मौसम ने दस्तक देना शुरू कर दिया है ऐसे में यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाए तो वह क्या करे , घर का गुजारा पत्नी के द्वारा चल रहा है ऐसे में अब शिव कुमार ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा है , पोस्ट द्वारा अपनी समस्या मुख्यमंत्री तक भेजी है , ऐसे में देखना यही है की क्या पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंचता है भी या नहीं , एक दिव्यांग अपनी बात मुख्यमंत्री तक कैसे पहुंचाए ?

आकाशीय बिजली गिरने से युवक की मौत घर में पसरा मातम ।

घटना सरस्वती नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत है बताया गया कि 9 जुलाई 2024 को युवक किसका नाम जोगिंदर सिंह सोनकर गोगांव बजरंग नगर निवासी हैं वह अपने कुछ मित्रों के साथ क्रिकेट खेलने के लिए गोवा के मैदान जिसका नाम स्थानीय लोग केटला मैदान बताते हैं वहां तकरीबन दोपहर के 2:00 क्रिकेट खेलने के लिए जोगिंदर सिंह सोनकर व उनके उनके मित्र गए थे परंतु वहां सरकारी स्कूल में किसी प्रकार का परीक्षा लिया जा रहा उस दिन मैदान में क्रिकेट नहीं खेलने दिया गया ।

जोगिंदर सिंह व उनके मित्र मैदान से वापस सुयश हॉस्पिटल कोटा मैं क्रिकेट खेलने लगे इसी दौरान दोपहर के लगभग 2:30 बजे के बीच मौसम बदला और जोरो की आंधी तूफान आने लगी उसे आंधी तूफान से बचने के लिए जोगिंदर सिंह सोनकर वह उनके मित्र आंधी तूफान से बचने के लिए सुरक्षित स्थान देखना के लिए जैसे ही मैदान छोड़कर आगे बढ़े तभी बारिश के साथ तेज आकाशीय बिजली जोगिंदरसिंह सोनकर के ऊपर गीरी जिससे जोगिंदरसिंह सोनकर की मके पर मृत्यु हो गई एवं उनके एक मित्र को हल्की चोट आई है । आकाशीय बिजली गिरने के बाद उनके मित्रों द्वारा 112में कॉल पुलिस को बुलाया गया पुलिस द्वारा एंबुलेंस बुलाया गया एंबुलेंस आने पर जोगिंदर सिंह सोनकर की बॉडी को एम्स हॉस्पिटल रायपुर ले जाया गया जहां डॉक्टर जोगिंदरसिंह सोनकर को मृत्यु घोषित कर दीया । दूसरे दिन जोगिंदर सिंह सोनकर के परिवार सरस्वती नगर थाने गए पुलिस के पंचनामे केबाद जोगिंदरसिंह सोनकर के बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया और मृत्यु शरीर को परिजनों के हवाले सपोर्ट कर दिया गया ।

जोगिंदर सिंह सोनकर के परिवार में दूसरे दिन मातम पसरा रहा इसी बीच जोगिंदरसिंह सोनकर के बड़े भाई सुरेंद्र कुमार सोनकर जो की लोक सेवा केंद्र संचालित करते हैं उन्होंने मीडिया के सामने आकर एक महत्वपूर्ण जानकारी दी जिसमें उन्होंने बताया कि यदि किसी प्रकार का कोई प्राकृतिक आपदा से कोई आहत होता है या उसकी मिट्टी हो जाती है तो सरकार द्वारा मृत के परिजन को शाशन द्वारा चार लाख तक का आर्थिक मदद किया जाता है ।

सुरेंद्र कुमार सोनकर जी का कहना था कि जो बिपदा उन पर आई है यदि किसी अन्य व्यक्ति पर आती है तो उन्हें सरकार द्वारा पहुंचा जा रहे सेवा की जानकारी होनी चाहिए ।

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छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं । आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले । रायगढ़ में वरिष्ठ पत्रकार सत्यजीत घोष पर वह जानलेवा हमला ।

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और छत्तीसगढ़ नाव के डायरेक्टर सत्यजीत घोष पर जानलेवा हमला । रायगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी । आज एक पत्रकार के साथ घटना हुई है कल आम इंसान के साथ या घटना होगी पुलिस वालों का पूरे घटना से अंजन रहना कुछ समझ नहीं आ रहा कैसे हो सकता है पुलिस प्रशासन किसी दबाव में आकर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करें । आज एक पत्रकार के साथ घटना घटी है कल को इस तरीके की वारदात और भी बढ़ सकता है क्योंकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का ऊपर आये दिन किसी न किसी प्रकार का जानलेवा हमला किया जाता है और पूरे मामले में पुलिस प्रशासन सिर्फ लीपा-पोती कर अपराधियों को संरक्षण देते हुए खुलेआम घूमने की आजादी प्रदान करती है । नतीजतन इस प्रकार की घटनाएं जो की आज रायगढ़ में पत्रकार सत्यजीत घोष के साथ हुआ है रायगढ़ प्रेस क्लब ने इस घटना की कड़ी निंदा की है इस संदर्भ में ।

रायपुर छत्तीसगढ़ के कुछ पत्रकार भाइयों ने मिलकर सत्यजीत घोष से बातचीत किया एवं उनसे घटना के बारे में पूरी जानकारी ली ।

घटना की जानकारी देते हुए सत्यजीत घोष ने बताया कि उनके ऊपर हमला सोच समझकर सुन नियंत्रित ढंग से करवाया गया है और रायगढ़ पुलिस ने अभी तक इस घटना में घटना को अंजाम देने वाले दो अपराधियों को अपने गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर रही है ।

आगे पुलिस की कार्यवाही चल रही है जिसका अपडेट आपको आने वाले समय में अगले भाग पर दिया जाएगा————————————————

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