लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जानलेवा हमला, कांकेर थाने में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी की आंख फोड़ने तथा हाथ तोड़ने की की गई कोशिश ।

पुरानी रंजिस के चलते दीपावली की रात को वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी के साथ कांकेर थाने के भीतर मारपीट की घटना को दिया गया अंजाम इस पर साफ-साफ किसी षड्यंत्र की बू आ रही है, जो की भारतीय जनता पार्टी के भीतर से उठ रही है ऐसा प्रतीत होता है, कि वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी के साथ मारपीट करने के लिए थाना के आरक्षक को किसी ने कॉल पर बोला जिसके बाद थाने के भीतर कमल शुक्ला जी के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया ।

पत्रकार कमल शुक्ला जी द्वारा बार-बार बस्तर क्षेत्र के भीतर भोले भाले आदिवासियों नर-संघार के ऊपर पुलिस प्रशासन को शिकायत की गयी एवं पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया गया, जिस कारण पुलिस विभाग के आला अधिकारी द्वारा कांकेर के थाने में फोन के माध्यम से बोला गया कि पत्रकार कमल शुक्ला पत्रकार का आंख फोटो और हाथ तोड़ो जिससे कि यह ना लिख पाए ना पढ़ पाए ।
कही ऐसा तो नहीं कि पुलिस विभाग को मोहरा बनाकर गृह मंत्री विजय शर्मा जी के खिलाफ षडयंत्र कर जा रहा है, थाने में तब कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं था सब जुआ पकाने के लिए अपनी पूरी क्षमता दमखम के साथ लगे हुये थे ।

क्योंकि थानों की मुख्य कमाई जुआ-सट्टा एवं गांजे के कारोबारी द्वारा इनको कमीशन के रूप में जो पैसा दिया जाता है उनके माध्यम से थाना चलता है, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिये जाने वाले वेतन से पुलिस वालों का एवं थानों का किसी प्रकार का कोई भी कार्य नहीं हो पता है ।
पूरे कांकेर शहर की लाइट काट दी गई थी क्योंकि कांकेर शहर के थाने के पास एक अवैध रूप से गैस सिलेंडर का व्यापार किया जा रहा था जहां दीपावली के दिन आग लग गई एवं इस घटना से आसपास के तकरीबन हजारों घर प्रभावित हो सकते थे जिस कारण विद्युत विभाग द्वारा पूरे शहर की लाइट काट दी गई और अवैध रूप से चल रहे सिलेंडर के इस व्यापार के ऊपर पत्रकार कमल शुक्ला जी द्वारा विगत कई वर्षों से लगातार शिकायत कांकेर थाने में दिया जा रहा था परंतु कांकेर थाने के आरक्षक एवं प्रभारी को अवैध रूप से सिलेंडर का कारोबार करने वाला दलाल फ्री में सिलेंडर महिया करता है, जिस कारण पुलिस विभाग इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं किया ।

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी के ऊपर हुए जानलेवा हमले का जिम्मेदार कहानी कांकेर जिला पुलिस अधीक्षक एलेसेला तो नहीं क्योंकि पूर्व समय में वर्तमान पुलिस अधीक्षक कांकेर एलेसेला द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों के ऊपर बुलडोजर का चलने का बात बोला गया था ।

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