बंजारी वाले हजरत के उर्स मे आने की दावत दी गई मुख्यमंत्री जी को ।

💐बंजारी वाले हजरत के उर्स मे आने की दावत दी गई मुख्यमंत्री जी को💐आज रात मुख्यमंत्री निवास मै माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से सौजन्य भेंट कर हजरत सैय्यद शेर अली आगा र अ रायपुर के 43 वे उर्स पाक 26 अक्टूबर से 1 नवंबर तक मनाया जाएगा जिसमें प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री जी को दरगाह ट्रस्ट व सज्जादा नशीन नईम अशरफी रिजवी साहब, मिर्ज़ा एजाज बेग, राहिल रउफ़ी, इशराक रिजवी,मो कासम, शेख अफसर ने दावत नामा दिया उर्स शरीफ मै आने का जिसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने दावत नामा स्वीकार किया !

सरकारी कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अब सबूत की जरूरत नहीं-सुप्रीम कोर्ट हाल ही में एक गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना एक अहत फैसला सुनाया है ।

#सरकारी कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अब सबूत की जरूरत नहीं-सुप्रीम कोर्ट हाल ही में एक गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना एक अहत फैसला सुनाया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए कोर्ट का ये फैसला काफी जरूरी फैसला है। कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक चल रहे इस मुद्दे पर अब सबूत की जरूरत नहीं पड़ने वाली है। आइए आप भी नीचे खबर में विस्तार से जान लें कि आखिर क्या है ये पूरा मामला और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर क्या विशेष टिप्पणी दी है। supreme court -सरकारी कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, अब सबूत की जरूरत नहीं देश के कर्मचारियों से संबंधित एक मामला हाल ही में सामने आ रहा है जिस पर कि सर्वोच्च न्यायलय (supreme court ) की ओर से एक अहम फैसला सुनाया गया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की ओर से भ्रष्टाचार पर चल रहे एक मामले पर जजमेंट पास किया गया है। इस मामले के तहत जस्टिस एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि किसी सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत दोषी ठहराने के लिए प्रत्यक्ष सबूत होना अनिवार्य नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को कानून के कटघरे में लाने के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की बात पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार के एक मामले में सरकारी कर्मचारी (corrupt public servants) को परिस्थितिजन्य आधार पर अवैध रिश्वत के आरोप में दोषी ठहराया जा सकता है। ये पूरी तरह न्यायसंगत ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बातइस मामले पपर आगे सुप्रीम कोर्ट की पीठ का ये कहना है कि मृत्यु या अन्य कारणों से शिकायतकर्ता का प्रत्यक्ष साक्ष्य भले ही उपलब्ध न हो इसके बावजूद कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत लोक सेवक यानि कि सरकारी कर्मचारी को दोषी ठहराया जा सकता है। मामले के जस्टिस एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ में जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रह्मण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना भी शामिल हैं।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीठ ने कहा कि भ्रष्टाचार के उन मामलों में, जिनमें लोक सेवक आरोपी हो, तो शिकायतकर्ताओं और अभियोजन पक्ष को ईमानदारी से प्रयास करना चाहिए कि भ्रष्ट लोक सेवक दंडित हों। जिससे कि प्रशासन से भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके। शासन को प्रभावित करने में भ्रष्टाचार की भूमिका केवल इतना ही नही पीठ ने ये टिप्पणी दी है कि शासन को प्रभावित करने में भ्रष्टाचार (corruption in India) की बड़ी भूमिका रहती है। इसके कारण ईमानदार कर्मचारी का मनोबल भी कम होता है। मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने एबी भास्कर राव बनाम सीबीआई के फैसले का उदाहरण भी दिया। मामले में फैसला देते हुए पीठ ने कहा कि प्रतिवादी की मांग को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि मामले में उदारता दिखाई जाए। लोक सेवकों द्वारा भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या बन गया है। भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर राष्ट्र के विकास की गतिविधियों को धीमा कर देता है। इसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है।अब ये तो गौरतलब है कि साल 2019 में 3 जजों की पीठ ने इस मामले को संविधान पीठ के सपुर्द करने के लिए चीफ जस्टिस को भेजा था। 3 जजों की पीठ ने कहा था कि मामले में 2015 के शीर्ष कोर्ट के फैसले में इस बारे में असंगति है। उस फैसले में कहा गया था कि यदि लोकसेवक के खिलाफ प्राथमिक सबूत की कमी है तो उसे बरी होना चाहिए।

रायपुर पुलिस द्वारा नशे रूपी रावण का दहन विजयदशमी के अवसर पर किया गया ।

आई॰पी॰एस॰ संतोष कुमार सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला रायपुर की नई पहल [निजात] नशे के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है । जिसका मुख्य उद्देश्य नशा से बचाव एवं नशा के विरुद्ध आम नागरिको को जागरूक करना l
विजयदशमी के अवसर पर जिला पुलिस रायपुर के द्वारा बड़ी अद्भुत रीति से टी आई रोहित मालेकर, टी आई विनय बघेल, टी आई नरेंद्र मिश्रा द्वारा सिविल लाइन,खामारडीह एवं तेलीबांधा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रावन की जगह पर नशारूपी पुतला जला कर आम नागरिकों को नशा के विरुद्ध जागरूक करते हुये किसी भी प्रकार की नशा की आदत को अपने जीवन से खत्म करने को प्रोत्साहित किया । टी आई रोहित मालेकर सिविल लाइन द्वारा विभिन्न चौक चौराहों एवं निजात- नशा के विरुद्ध वीडियो प्रोजेक्टर के द्वारा दिखाकर आम नागरिको को बताने का प्रयास किया कि ईश्वर के द्वारा दिया गया हमारा जीवन बहुत ही महत्पूर्ण है इसे गंदी आदतों में पढ़ कर व्यर्थ ना गवाये, उन्होंने नशा से होने वाले भयानक दुष्परिणामों की जानकारी देते हुये उपस्थित जनों को नशा नहीं करने एवं दूसरों को भी नशा दे दूर रखने की शपथ दिलाये l रायपुर पुलिस द्वारा निजात अभियान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन में नागरिकों का पूर्ण रूप सहयोग प्रदान किया जा रहा है जिसका पूर्ण लाभ आम नागरिकों में अवश्य देखने को मिल रहा है l

जशपुरनगर : क्राइम पेट्रोल देख कर भाइयों ने रची अभिषेक की हत्या की साजिश, सिर कटी लाश के अंधे कत्ल का मामला सुलझा ।

जशपुरनगर- दिल दहला देने वाली यह घटना छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के कुनकुरी थाना क्षेत्र श्रीटोली गांव के चुरहागड़ा जंगल की है। अंधे कत्ल के मामले का राजफाश करते हुए एसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि 12 सितंबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि चुरहागड़ा के जंगल में एक सिर कटी लाश मिली है।सूचना पर एएसपी अनिल सोनी और डीएसपी विजय सिंह राजपूत दल बल के साथ मौके पर पहुंचे। इस अंधे हत्याकांड की उलझी हुई गुत्थी को सुलझाने के लिए एसपी शशि मोहन सिंह ने अधिकारियों को मामले की सूक्ष्मता से जांच करने का निर्देश दिया। जांच टीम ने घटना स्थल से जब्त नायलोन का रस्सी और लोहे का चाकू बरामद किया था। शव की शिनाख्त के लिए पुलिस ने इंटरनेट मिडिया का सहारा लिया। शव का फोटो पहचान की अपील के साथ प्रसारित किया गया। मृतक के चेहरे और शरीर पर गुदे हुए टैटू से मृतक की पहचान कांसाबेल थाना क्षेत्र के बरजोर निवासी अभिषेक लकड़ा के रूप में की गई।हत्या के इस मामले को सुलझाने के लिए जांच टीम ने मृतक के रिश्तेदारों और परिचितों से बारीकि से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान 11 सितंबर को मृतक अभिषेक लकड़ा के आरोपित अभय एक्का 30 वर्ष,संदीप एक्का 41 वर्ष,निर्देष तिर्की,35 वर्ष और अनूप लकड़ा 30 वर्ष के साथ अंतिम बार देखे जाने की बात सामने आई। संदेह के आधार पर इन आरोपितों के हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की तो आरोपितों ने अभिषेक लकड़ा की हत्या का अपराध स्वीकार करते हुए जो कहानी बताई वह दिल दहला देने वाली है।पुलिस से बचने क्राइम शो देख कर रचा षड़यंत्रआरोपी अभय लकड़ा ने पुलिस को बताया कि मृतक अभिषेक उसका मौसेरा भाई था। शराब पी कर अभिषेक आए दिन घर में मारपीट और गाली गलौच किया करता था। 10 सितंबर को इसी तरह के विवाद के दौरान मृतक अभिषेक लकड़ा,शराब के नशे में आरोपित अभय के माता पिता को गाली देते हुए मारपीट कर रहा था। अभय ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो मृतक आरोपित से भी उलझ गया। मारपीट के दौरान आरोपित अभय ने लकड़ी से वार कर अभिषेक के पैर को तोड़ दिया था। पुलिस केस होने के भय से अभय उसे अस्पताल ना ले जा कर घर में रखा हुआ था। आरोपित का कहना है कि पुलिस केस से बचने और शराबी भाई से छुटकारा पाने के लिए उसने अभिषेक की हत्या करने की योजना बनाई।हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए उसने टीवी शो क्राईम पेट्रोल का सहारा लिया। अपने तीन दोस्तों के साथ विचार करके उन्होनें तय किया कि अभिषेक की हत्या करके उसके सिर और धड़ को अलग अलग स्थानों पर फेंकेगें ताकि पुलिस उसकी पहचान स्थापित ना कर सके। तय योजना के अनुसार चारों आरोपित 11 सितंबर की रात लगभग 2 बजे वैद्य से पैर का इलाज कराने की बात कहते हुए मारूती वेन क्रमांक एमपी 05 बीए 1729 में बेैठा लिया।आरोपितों ने अभिषेक की हत्या के लिए चाकू और नायलोन की रस्सी को पहले ही कार में रख दिया था। आरोपित अभिषेक को श्रीटोली रोड किनारे रोके और वेन से नीचे उतार कर नायलोन की रस्सी के सहायता से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। लाश की पहचान छिपाने के लिए आरोपितों ने मिल कर चाकू से अभिषेक का गला काट कर,सिर को धड़ से अलग कर दिया।हड़बड़ में हो गई गड़बड़ और कानून के फंदे में फंस गए आरोपीआरोपी अभय ने पुलिस को बताया कि अभिषेक की हत्या और उसके सिर को धड़ से अलग करने तक,सबकुछ उनकी योजना के अनुसार ही हो रहा था। आरोपियों ने मिल कर धड़ को खिंचते हुए जंगल के 50 मीटर अंदर तक ले जा कर फेंक दिया। लेकिन इस दौरान मृतक का सिर जंगल में कहीं लुढ़क कर गुम हो गया। घटना स्थल पर घना जंगल और अंधेरा होने के कारण,खोजने पर भी मृतक का सिर आरोपियों को नहीं मिला। सुबह होने और किसी के आ जाने के भय से आरोपित शव और कटे हुए सिर के साथ चाकू और रस्सी को मौके पर ही छोड़ कर भाग गए। हड़बड़ी में हुई इस गड़बड़ी ने आरोपियों को पुलिस के जाल में फंसा दिया।परिवार वालों को भी किया गुमराहहत्या की इस खौफनाक घटना को अंजाम देकर घर वापस लौटे आरोपित अभय ने अभिषेक के साथ ना लौटने को लेकर गुमराह किया था। एसपी सिंह ने बताया कि अभय ने अपने स्वजनों को बताया था कि वैद्य के पास उपचार कराने के बाद अभिषेक अपने पिता के पास रहने के लिए राजस्थान के उदयपुर चला गया है। लेकिन आरोपियों की कोई चाल सफल नहीं हो सकी। आखिर सभी चारों आरोपित अभय एक्का 30 वर्ष,संदीप एक्का 41 वर्ष,निर्देष तिर्की 35 वर्ष और अनूप लकड़ा 30 वर्ष को गिरफ्तार कर,पुलिस ने न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। चारो आरोपित बरजोर के डुमरटोली के रहने वाले हैं। इस लोमहर्षक हत्याकांड में शामिल अभय मृतक अभिषेक का मौसेरा भाई है,वहीं अनुप लकड़ा सगा भाई और निर्दोष लकड़ा इनका पड़ोसी है।

नक्सलियों ने की गुरुजी की हत्या, जन अदालत में उतारा मौत के घाट…सुकमा: नक्सलियों ने जन अदालत लगातार कर दी स्कूल टीचर की हत्या ।

नक्सलियों ने की गुरुजी की हत्या, जन अदालत में उतारा मौत के घाट…सुकमा: नक्सलियों ने जन अदालत लगातार स्कूल टीचर की हत्या कर दी। आरोप है कि नक्सलियों ने लाठी डंडों से टीचर को इतना पीटा की उसकी मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक ‘घटना 14 सितंबर की है ।

नक्सलियों ने सुकमा के जगरगुंडा इलाके में जन अदालत लगाया था।

पुलिस के मुताबिक जन अदालत में ही माओवादियों ने शिक्षक दूधी अर्जुन को पहले मौत का फरमान सुनाया फिर उसी पीट पीटकर हत्या कर दी”। घटना की पुष्टि सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने खुद की है। जन अदालत में शिक्षक की पीट पीटकर हत्या:- पुलिस के मुताबिक जन अदालत में पहले लाठी डंडों से नक्सलियों ने शिक्षक अर्जुन को पीटा फिर उसका गला घोंट दिया। मृतक दूधी अर्जुन शिक्षादूत था और पढ़ाने का काम करता था। नक्सलियों ने टीचर के परिवार को भी जान से मारने की धमकी दी है। जगरगुंडा पुलिस ने शिक्षक की हत्या किए जाने के जुर्म में नक्सलियों पर केस दर्ज कर लिया है। घटना में शामिल माओवादियों की पहचान का काम शुरु कर दिया है।

एंटी नक्सल ऑपरेशन में बौखलाए नक्सली: 

एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली बौखलाए हुए हैं। लगातार चल रहे सर्चिंग अभियान से माओवादियों को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है. अपने साथियों के मारे जाने और सरेंडर से माओवादी डरे हुए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस कैंप के शुरु होने से भी माओवादी अब कुछ ही जगहों पर सिमट कर रहे गए हैं। कुछ दिन पहले अबूझमाड़ में भी नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर दो नक्सलियों को मार डाला था।