शराब घोटाला: ED ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर समेत अन्य आरोपियों की संपत्ति की जब्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा एवं अनवर ढेबर की संपत्तियां जब्त की है

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर आरोपियों की जब्त की गई संपत्तियों की जानकारी दी है। इसमें 18 चल और 161 अचल संपत्ति सहित 205.49 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है। अनवर ढेबर के जब्त की गई संपत्तियों में होटल वैनिंगटन समेत कई बिल्डिंग शामिल है। ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति को कुर्क किया गया है, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये हैं। 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की हैं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ है। 3 संपत्ति विकास अग्रवाल की हैं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ है। 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की हैं, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ है। अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है। इसके अलावा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 9 संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत 28.13 करोड़ रुपये है। नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण भी कुर्क किए हैं। आशीष सौरभ केडिया/ दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ की संपत्ति और एक वाहन को कुर्क किया है, जिसकी कीमत 0.13 लाख है। अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में उनकी फर्म ए ढेबर बिल्डकॉन के बैनर तले चल रहे होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर और एकॉर्ड बिजनेस टावर के नाम से एक कमर्शियल बिल्डिंग भी शामिल हैं।

मदरसा इदारे शरीयत की निजी जमीन पर Municipal Corporation Raipur ने बाउंड्रीवाल खड़ा कर लगवा दिया फेंसिंग तार

रायपुर : चांदनी चौक से नया बस स्टैंड रोड पर, पुजारी पेट्रोल पंप के सामने 1900 वर्ग फुट निजी जमीन जो की है पर नगर निगम रायपुर (Municipal Corporation Raipur) कर रहा अवैध कब्जा कर बना दिया बाउंड्री वॉल और फेंसिंग तार लगा दिया हैं। जिसकी जमीन है उसने आरडीए से रजिस्ट्री करवाया है। पुलिस भी खामोश हैं जमीन मालिक की कोई सुध लेने वाला नही हैं।

जबकि शहर को कब्जा मुक्क करने की जिम्मेदारी निगम की होती है,न कि किसी के निजी ,संपत्ति पर बलात कब्जा कर उसे बेदखल कर दिया जाए। बिना एग्रीमेंट और बिना सहमति के निजी जमीन पर निगम ने कब्जा कर पीडि़त पक्ष को निगम के अधिकारी उसकी निजी जमीन से बेदखल कर रहे है।

(Municipal Corporation Raipur) नगर निगम राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने जा रही है। निगम के पास जितनी जमीनें और बिल्डिंग थी वो इस वक्त पूरी तरह भू-माफियाओं के कब्जे में है। लेकिन निगम अमला ने तो चांदनी चौक में हद का सारी सीमाएँ पार कर दी। निगम में निजी जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए निगम और जमीन मालिक सहमति जातते है, और लिखा पढ़ी पर पीडि़त पक्ष को वर्तमान दर पर मुआवजा भी दिया जाता है।

चांदनी चौक में तो निगम कमिश्नर से लेकर जोन अध्यक्ष ने जमकर दबंगई दिखाई बिना कानूनी प्रक्रिया आरडीए से खरीदी गई जमीन पर निगम ने कब्जा कर पीडि़त को धमकी-चमकी, प्रलोभन दे रहे है। इस संबंध में भाजपा और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिना मुआवजा दिये बिना लिखा पढ़ी किये ही होटल प्रबंधन का उक्त जमीन में पेट्रोल-डीजल के टैंकर आते जाते हैं।

शराब घोटाला मामला : अनवर ढेबर के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने EOW को जारी किया नोटिस

बिलासपुर। शराब घोटाला मामले में ACB-EOW में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के खिलाफ कारोबारी अनवर ढेबर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है.प्रदेश में कथित शराब घोटाले को लेकर पूर्व में ईडी की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में ईडी ने कारोबारी अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था. ढेबर को पूर्व में हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई थी. बाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इसी मामले में ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करवाया है. इस मामले में ढेबर को महाराष्ट्र जाने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनकी तरफ से हाईकोर्ट में लगाई याचिका में कहा गया है कि पूर्व में इस मामले में दर्ज ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसलिए एफआईआर और गिरफ्तारी अवैध है.