बिलासपुर। शराब घोटाला मामले में ACB-EOW में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के खिलाफ कारोबारी अनवर ढेबर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है.प्रदेश में कथित शराब घोटाले को लेकर पूर्व में ईडी की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में ईडी ने कारोबारी अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था. ढेबर को पूर्व में हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई थी. बाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इसी मामले में ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करवाया है. इस मामले में ढेबर को महाराष्ट्र जाने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनकी तरफ से हाईकोर्ट में लगाई याचिका में कहा गया है कि पूर्व में इस मामले में दर्ज ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसलिए एफआईआर और गिरफ्तारी अवैध है.
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रायपुर कलेक्टर कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहाअधिकारी को Highcourt से अवमानना
रायपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद रायपुर कलेक्टर व खाद्य नियंत्रक द्वारा राशन दुकानदार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं करने को लेकर उच्च न्यायालय ने न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. निर्धारित समय-सीमा में जवाब देने के बाद कलेक्टर और खाद्य नियंत्रक रायपुर के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने का उल्लेख उच्च न्यायालय ने किया है. इस संबंध में एक प्रिंट मीडिया से बातचीत में कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहा है कि फिलहाल हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक अवमानना नोटिस दिए जाने की जानकारी नहीं उन्हें नहीं है.उक्त मीडिया रिपोर्ट में अधिवक्ता जितेंद्रनाथ नंदे के हवाले से बताया गया है कि शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान के विरुद्ध जिला स्तर पर शिकायत किए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर रायपुर के निर्देश पर जांच किए जाने पर गंभीर अनियमितता पाई गई थी. तत्कालीन कलेक्टर रायपुर ने जांच के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के निर्देश दिए थे. इस जांच के बाद खाद्य संचालनालय स्तर पर जांच दल बनाकर उच्च स्तरीय जांच करवाई गई, उसमें भी गंभीर अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही नहीं की जा रही थी. संचालनालय स्तर पर चार महीने तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की, जिसमें शासकीय उचित मूल्य दुकानदार के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे.रायपुर में पदस्थ प्रभारी खाद्य नियंत्रक द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने की शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी रायपुर सहित सहायक खाद्य अधिकारी और दो अन्य खाद्य निरीक्षकों का दल बनाकर उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में अभिमत लेने के लिए दल बनाया गया. इससे व्यथित होकर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा अधिवक्ता जितेंद्र नाथ नंदे के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायिक अवमानना की याचिका क्रमांक 434/2024 दायर की गई, जिसमें उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अवमानना के मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में कलेक्टर रायपुर गौरव सिंह और खाद्य नियंत्रक रायपुर अरविंद दुबे को न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. दोनों अधिकारियों द्वारा जवाब दिए जाने के बाद आगे की कार्यवाही होने का उल्लेख न्यायिक आदेश में है.
भानुप्रतापपुर SDO, TI प्रेमप्रकाश पुलिस बल द्वारा बलात घर घुसकर गुंडा-गर्दी करते हुये रात 10 बजे 50 वर्षीय दसमत साहू को उठाकर ले गये |
भानुप्रतापपुर SDO, TI प्रेमप्रकाश पुलिस बल द्वारा बलात घर घुसकर रात 10 बजे 50 वर्षीय दसमत साहू को उठाकर ले गये ।
भानुप्रतापपुर ।
घटना दिनांक 24.02.2024 को रात्रि 9.45 बजे एसडीओपी सिविल ड्रेस में और टी.आई प्रेमप्रकाश अवधिया, पुलिस बल के साथ देवपुरी रायपुर स्थित घर में बिना सूचना किसी नोटिस, बिना किसी सुचना दिये बलात घर में घुस आये और पूरे परिवार को अश्लील उराधाकार प्रताडित किया गालीगलौज धक्का मुक्की करते हुये एक कमरे में बंद कर दिया क्या तथा घर की विधवा मुखिया दशमत बाई साहू को उठाकर ले गये, जिसकी सूचना टिकरापारा थाना वालों को भी नहीं दी गई । पुलिस बर्बरता यही नहीं रूकी, तीसरे दिन हाईकोर्ट में पेश कर दिये जहां उच्च न्यायालय की फटकार पर मजबूरी में 26.02.2024 को दशमत को छोडना पडा । इसके बाद भी पुलिस वालों ने घर वाले को एक तुरन्त नोटिस बनाकर उसकी फोटोकापी थमाकर जबरन परिवार के सभी सदस्यों से अपने पेपर में हस्ताक्षर करवा लिये और दूसरे दिन थाने में फिर से बुलवाया गया । दशमत और दशमत के परिवार वाले इन पुलिस बनाम डाकुओं से इतना सहम गये है उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें । यही नहीं पुलिस वालों ने धमकी भी दिया है कि उन्हें फिर थाना ले जायेंगे। क्योंकि इन्हें नहीं पता कि पुलिस वाले इन्हें इस तरह आधी रात क्यों उठाकर ले गये, फिर थाना ले जाने की धमकी क्यों दिये। क्या पुलिस भी सुपाड़ी लेना शुरू कर दी है कि किसी के कहने पर अपने ड्रेस में कुछ भी कर सकते है। जिस पर दशमत के परिवार वालों ने पुलिस महानिदेशक और शासन प्रशासन को आवेदन लगाई है। इन्हें पता चला है कि भानुप्रतापुर वाले दशमत के घर के पडोस में एक मुस्लिम परिवार की लडकी भाग गई है इसी प्रकरण में तोहमत लगाने के लिये इनके कहने पर दशमत के बेटे उम्र लगभग 23 साल के 3 साल पहले लापता हो गये जिस पर आरोप थोपकर इस मामले को तूल देने की कोशिश और हिन्दु मुस्लिम रंग देने की कोशिश की जा रही है । दशमत और उसके परिवार ने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस मामले पर तुरन्त कार्यवाही करे और दशमत के परिवार को न्याय दिलाये ।
आधार फाइनेंस द्वारा तहसीलदार का फर्जी पत्र बनकर अपराधिकृत को दिया गया अनजाम ।।
आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर के द्वारा अपराधिकृत कर तहसीलदार का फर्जी आदेश पत्र बनवाकर सबसे पहले भिलाई-3 दुर्ग थाने में उसकी पावती ली गई उसके बाद आधार फाइनेंस के अधिवक्ता के द्वारा उस पत्र को लेकर पीड़िता संगीता बर्मन के घर पर रखे हुए सामान को अवैध रूप से अपराधी गतिविधि कर घर का दरवाजा तोड़कर सामान को चोरी कर ले जाने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल थे यह पूरी घटना DDनगर कॉलोनी चरोदा भिलाई की एक महिला देख रही थी, जिन्होंने मौके पर जाकर वीडियो बनाने की कोशिश की तो उन महिला को चार आदमियों ने पड़कर घर के अंदर खींच लिया एवं महिला के साथ बदतमीजी की कोशिश की गई जिसे वहा खड़े पुलिस वाले प्रत्यक्ष देख रहे थे । पुलिस वालों ने कुछ नहीं किया जब महिला ने संगीता बर्मन को कॉल करके बुलाया तो उसके बाद जब संगीता बर्मन आ गई उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा क्योंकि संगीता बर्मन एक अभियान कर्ज मुक्त भारत से जुड़ी हुई है, इस कारण उन्हें कुछ नियम एवं कानून बताए गए हैं, जिनका वह पालन करते हुए वीडियो बना रही थी, पुलिस वालों ने जब देखा कि उनका वीडियो बन रहा है, क्योंकि जो आदेश पत्र फर्जी था पुलिस वाले को पता था इसलिए पुलिस वाले वहां से निकाल कर भाग गए, इसके बाद आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) वालों ने संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र और एक पुरुष को घर पर बंधक बनाकर रखा । कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम मौके पर पहुंची उसके बाद उन्होंने 112 में कॉल किया जिसमें पुलिस वाले नहीं आ रहे थे, बाद में अधिवक्ता रमन मिश्रा के द्वारा दुर्ग SP साहब को शिकायत कर 112 को कॉल किया तब 112 की गाड़ी आई एवं उनके द्वारा आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) कर्मी को बुलाया गया जिन्होंने अपने हाथ से ताला को खोल दोनों बंधक महिलाओं को बाहर निकाला एवं खुद से स्वीकार किया कि उनके द्वारा दोनों महिलाओं को एवं उसे व्यक्ति को बंधक बनाया गया था । जिसमें की आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) के अधिवक्ता भी शामिल थे, बाद में जब कंप्लेंट लिखने के लिए संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र थाने गई तो पुलिस द्वारा केवल शिकायत लिया गया FIR नहीं लिखा गया । …………………………………………………