मदरसा इदारे शरीयत की निजी जमीन पर Municipal Corporation Raipur ने बाउंड्रीवाल खड़ा कर लगवा दिया फेंसिंग तार

रायपुर : चांदनी चौक से नया बस स्टैंड रोड पर, पुजारी पेट्रोल पंप के सामने 1900 वर्ग फुट निजी जमीन जो की है पर नगर निगम रायपुर (Municipal Corporation Raipur) कर रहा अवैध कब्जा कर बना दिया बाउंड्री वॉल और फेंसिंग तार लगा दिया हैं। जिसकी जमीन है उसने आरडीए से रजिस्ट्री करवाया है। पुलिस भी खामोश हैं जमीन मालिक की कोई सुध लेने वाला नही हैं।

जबकि शहर को कब्जा मुक्क करने की जिम्मेदारी निगम की होती है,न कि किसी के निजी ,संपत्ति पर बलात कब्जा कर उसे बेदखल कर दिया जाए। बिना एग्रीमेंट और बिना सहमति के निजी जमीन पर निगम ने कब्जा कर पीडि़त पक्ष को निगम के अधिकारी उसकी निजी जमीन से बेदखल कर रहे है।

(Municipal Corporation Raipur) नगर निगम राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने जा रही है। निगम के पास जितनी जमीनें और बिल्डिंग थी वो इस वक्त पूरी तरह भू-माफियाओं के कब्जे में है। लेकिन निगम अमला ने तो चांदनी चौक में हद का सारी सीमाएँ पार कर दी। निगम में निजी जमीन पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए निगम और जमीन मालिक सहमति जातते है, और लिखा पढ़ी पर पीडि़त पक्ष को वर्तमान दर पर मुआवजा भी दिया जाता है।

चांदनी चौक में तो निगम कमिश्नर से लेकर जोन अध्यक्ष ने जमकर दबंगई दिखाई बिना कानूनी प्रक्रिया आरडीए से खरीदी गई जमीन पर निगम ने कब्जा कर पीडि़त को धमकी-चमकी, प्रलोभन दे रहे है। इस संबंध में भाजपा और कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बिना मुआवजा दिये बिना लिखा पढ़ी किये ही होटल प्रबंधन का उक्त जमीन में पेट्रोल-डीजल के टैंकर आते जाते हैं।

शराब घोटाला मामला : अनवर ढेबर के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने EOW को जारी किया नोटिस

बिलासपुर। शराब घोटाला मामले में ACB-EOW में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के खिलाफ कारोबारी अनवर ढेबर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है.प्रदेश में कथित शराब घोटाले को लेकर पूर्व में ईडी की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में ईडी ने कारोबारी अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था. ढेबर को पूर्व में हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई थी. बाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इसी मामले में ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करवाया है. इस मामले में ढेबर को महाराष्ट्र जाने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनकी तरफ से हाईकोर्ट में लगाई याचिका में कहा गया है कि पूर्व में इस मामले में दर्ज ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसलिए एफआईआर और गिरफ्तारी अवैध है.

रायपुर नगर निगम में बिना रिश्वत दिए नहीं होता कोई काम… पत्रकार राहुल मिश्रा

रायपुर. रायपुर नगर निगम के किसी भी जोन में अब बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा है. आलम ये है कि रजिस्ट्री के बाद नगर निगम की टैक्स रसीद के लिए जब आप अपना नाम ट्रांसफर कराने की प्रक्रिया कराएंगे तो अधिकारी इस काम के लिए आपसे 10 हजार रूपए की रिश्वत की डिमांड करेंगे. यदि आपसे भी कोई नगर निगम कर्मचारी रिश्वत मांगे तो आप छत्तीसगढ़ जर्नीलिस 24.कॉम से 09425248500 पर संपर्क कर उक्त स्टॉफ/अधिकारी की करतूत उजागर कर सकते है. आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा.

हम बात कर रहे है नगर निगम जोन क्रमांक 9 की यहां के राजस्व स्टॉफ नाम ट्रांसफर के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे. राजस्व अधिकारी (एआरआई) की करतूत को रिश्वत देते हुए उजागर किया. लेकिन रिश्वत मांगने के बाद जब उसने अपनी करतूत कैमरे में कैद होती देखी तो उसने पैसे उछाकर वापस कर दिए और बाद में अपनी ईमानदारी का बखान किया.वहीं जोन 9 के राजस्व अधिकारी (आरओ) ने इस मामले ये कहा है कि वे इस मामले की जांच कराएंगे और नियमों के मुताबिक उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

रायपुर कलेक्टर कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहाअधिकारी को Highcourt से अवमानना

रायपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद रायपुर कलेक्टर व खाद्य नियंत्रक द्वारा राशन दुकानदार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं करने को लेकर उच्च न्यायालय ने न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. निर्धारित समय-सीमा में जवाब देने के बाद कलेक्टर और खाद्य नियंत्रक रायपुर के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने का उल्लेख उच्च न्यायालय ने किया है. इस संबंध में एक प्रिंट मीडिया से बातचीत में कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहा है कि फिलहाल हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक अवमानना नोटिस दिए जाने की जानकारी नहीं उन्हें नहीं है.उक्त मीडिया रिपोर्ट में अधिवक्ता जितेंद्रनाथ नंदे के हवाले से बताया गया है कि शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान के विरुद्ध जिला स्तर पर शिकायत किए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर रायपुर के निर्देश पर जांच किए जाने पर गंभीर अनियमितता पाई गई थी. तत्कालीन कलेक्टर रायपुर ने जांच के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के निर्देश दिए थे. इस जांच के बाद खाद्य संचालनालय स्तर पर जांच दल बनाकर उच्च स्तरीय जांच करवाई गई, उसमें भी गंभीर अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही नहीं की जा रही थी. संचालनालय स्तर पर चार महीने तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की, जिसमें शासकीय उचित मूल्य दुकानदार के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे.रायपुर में पदस्थ प्रभारी खाद्य नियंत्रक द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने की शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी रायपुर सहित सहायक खाद्य अधिकारी और दो अन्य खाद्य निरीक्षकों का दल बनाकर उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में अभिमत लेने के लिए दल बनाया गया. इससे व्यथित होकर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा अधिवक्ता जितेंद्र नाथ नंदे के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायिक अवमानना की याचिका क्रमांक 434/2024 दायर की गई, जिसमें उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अवमानना के मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में कलेक्टर रायपुर गौरव सिंह और खाद्य नियंत्रक रायपुर अरविंद दुबे को न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. दोनों अधिकारियों द्वारा जवाब दिए जाने के बाद आगे की कार्यवाही होने का उल्लेख न्यायिक आदेश में है.

भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष अब्दुल नासिर खान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की

छ.ग. प्रदेश के मुखिया मा, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी से आज उनके निवास में भेट कर आशीर्वाद प्राप्त किया।