छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार आने के बाद भी सच्चाई लिखने वाले पत्रकारों की कोई सुरक्षा नहीं ।

घटना छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज फिर से पत्रकार के ऊपर जानलेवा हमला किया गया जिससे यह साबित होता है, कि छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को किसी प्रकार की कोई सुरक्षा नहीं है, कांग्रेस द्वारा पत्रकार सुरक्षा भी लाया गया था जो कि सिर्फ खाना पूर्ति कर आम जनता के टैक्स के पैसे को बर्बाद कर एक नये प्रकार का भ्रष्टाचार को जन्म देने के लिए किया था ।
छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट 24 के संपादक इमरान अली इलियास हुसैन के ऊपर रायपुर जो कि छत्तीसगढ़ की राजधानी है वहां जानलेवा हमला किया गया हैं । छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट 24 के संपादक इमरान अली से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि उनके द्वारा आज कांग्रेस पार्टी द्वारा तिरंगे का 70 साल से अपमान करने के ऊपर ज्ञापन जिला डंडाअधिकारी महोदय जी के नाम से दिया गया था इसके बाद से ही उनका फोन करके धमकाया जा रहा था परंतु इलियास हुसैन द्वारा धमकियां को नजर अंदाज करते हुए कल छत्तीसगढ़ में हुए दारू घोटाले के ऊपर कुछ विशेष जानकारी संलग्न कर शिकायत कलेक्टर साहब को देने के लिए शिकायत बनवाने शैलेंद्र नगर स्थित कंप्यूटर लेखक के पास जा रहे थे इस समय तकरीबन 8:30 के आसपास कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उनको पहले गाड़ी से गिराया गया साथ ही मारपीट की घटना की गई ।

छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं । आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले । रायगढ़ में वरिष्ठ पत्रकार सत्यजीत घोष पर वह जानलेवा हमला ।

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार और छत्तीसगढ़ नाव के डायरेक्टर सत्यजीत घोष पर जानलेवा हमला । रायगढ़ में पत्रकार सुरक्षित नहीं तो आम जनता कैसे सुरक्षित होगी । आज एक पत्रकार के साथ घटना हुई है कल आम इंसान के साथ या घटना होगी पुलिस वालों का पूरे घटना से अंजन रहना कुछ समझ नहीं आ रहा कैसे हो सकता है पुलिस प्रशासन किसी दबाव में आकर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही ना करें । आज एक पत्रकार के साथ घटना घटी है कल को इस तरीके की वारदात और भी बढ़ सकता है क्योंकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों का ऊपर आये दिन किसी न किसी प्रकार का जानलेवा हमला किया जाता है और पूरे मामले में पुलिस प्रशासन सिर्फ लीपा-पोती कर अपराधियों को संरक्षण देते हुए खुलेआम घूमने की आजादी प्रदान करती है । नतीजतन इस प्रकार की घटनाएं जो की आज रायगढ़ में पत्रकार सत्यजीत घोष के साथ हुआ है रायगढ़ प्रेस क्लब ने इस घटना की कड़ी निंदा की है इस संदर्भ में ।

रायपुर छत्तीसगढ़ के कुछ पत्रकार भाइयों ने मिलकर सत्यजीत घोष से बातचीत किया एवं उनसे घटना के बारे में पूरी जानकारी ली ।

घटना की जानकारी देते हुए सत्यजीत घोष ने बताया कि उनके ऊपर हमला सोच समझकर सुन नियंत्रित ढंग से करवाया गया है और रायगढ़ पुलिस ने अभी तक इस घटना में घटना को अंजाम देने वाले दो अपराधियों को अपने गिरफ्त में लेकर पूछताछ कर रही है ।

आगे पुलिस की कार्यवाही चल रही है जिसका अपडेट आपको आने वाले समय में अगले भाग पर दिया जाएगा————————————————

फर्जी दस्तावेजों से नौकरी करने वाले के खिलाफ कोर्ट की दखल के बाद हुआ FIR दर्ज , कभी भी हो सकती है गिरफ्तारी

प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले कर्मचारियों की फेहरिस्त काफी लंबी है और ऐसे अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ मंत्रालय सहित अलग-अलग विभागों में पुख्ता दस्तावेजों के साथ शिकायतें भी खूब हुई हैं लेकिन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ऐसे फर्जी कर्मचारियों को बचाने में भी कोई कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं यही वजह है कि चाहे जाति प्रमाण पत्र का मामला हो या फर्जी दस्तावेजों का मामले का खुलासा होने के बाद भी करवाई नही हो पा रही है । अब ऐसे मामले कोर्ट की शरण में पहुंच रहे हैं ऐसे ही एक मामले में समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक पंकज कुमार वर्मा के फर्जी दस्तावेजों के सहारे हुई नियुक्ति को लेकर मामला न्यायालय पहुंचा जिसके बाद कोर्ट के निर्देश पर अब रायपुर के पुरानी बस्ती थाने में मामला दर्ज हुआ है । पंकज कुमार वर्मा पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी हथियाने का आरोप है जिसके अनुसार उन्होंने जिस फिजीयोथैरेपिस्ट कोर्स की डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की है वह डिग्री उन्होंने कभी हासिल ही नही की है । 3.5 वर्ष की इस डिग्री कोर्स के लिए पंकज कुमार वर्मा ने प्रवेश अवश्य लिया था किंतु 2 साल में ही उन्होंने इस कोर्स को अधूरा छोड़ दिया था और बाद में इसी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर नौकरी हासिल कर ली ।

शराब घोटाला: ED ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर समेत अन्य आरोपियों की संपत्ति की जब्त

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा एवं अनवर ढेबर की संपत्तियां जब्त की है

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर आरोपियों की जब्त की गई संपत्तियों की जानकारी दी है। इसमें 18 चल और 161 अचल संपत्ति सहित 205.49 करोड़ रुपए की संपत्ति शामिल है। अनवर ढेबर के जब्त की गई संपत्तियों में होटल वैनिंगटन समेत कई बिल्डिंग शामिल है। ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति को कुर्क किया गया है, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये हैं। 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की हैं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ है। 3 संपत्ति विकास अग्रवाल की हैं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ है। 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की हैं, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ है। अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है। इसके अलावा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 9 संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत 28.13 करोड़ रुपये है। नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण भी कुर्क किए हैं। आशीष सौरभ केडिया/ दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ की संपत्ति और एक वाहन को कुर्क किया है, जिसकी कीमत 0.13 लाख है। अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में उनकी फर्म ए ढेबर बिल्डकॉन के बैनर तले चल रहे होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर और एकॉर्ड बिजनेस टावर के नाम से एक कमर्शियल बिल्डिंग भी शामिल हैं।

शराब घोटाला मामला : अनवर ढेबर के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, कोर्ट ने EOW को जारी किया नोटिस

बिलासपुर। शराब घोटाला मामले में ACB-EOW में दर्ज एफआईआर और गिरफ्तारी के खिलाफ कारोबारी अनवर ढेबर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. इस याचिका पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है.प्रदेश में कथित शराब घोटाले को लेकर पूर्व में ईडी की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में ईडी ने कारोबारी अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी रहे अरुणपति त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार किया था. ढेबर को पूर्व में हाईकोर्ट से मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिल गई थी. बाद में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इसी मामले में ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज करवाया है. इस मामले में ढेबर को महाराष्ट्र जाने के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उनकी तरफ से हाईकोर्ट में लगाई याचिका में कहा गया है कि पूर्व में इस मामले में दर्ज ईसीआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसलिए एफआईआर और गिरफ्तारी अवैध है.