महापरिवर्तन जनआंदोलन के बैनर के नीचे पांच सूत्रीय मांग को लेकर दिया जा रहा धरना ।

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महाआंदोलन जनपरिवर्तन के बैनर तले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता में डॉ.प्रियंका मिश्रा एवं उनके सहयोगी द्वारा पिछले चार दिनों से छत्तीसगढ़ शासन से जनसरोकार के पांच सूत्र मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई है जिनका मुख्य मांग है अवैध स्कूल संचालन, शराबबंदी, पूर्ण रोजगार, कर्ज माफी एवं महिला उत्पीड़न को खत्म करना ।

प्रशासन से पांच मांग – अवैध स्कूल संचालन बंद किया जाए ,महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान महिला उत्पीड़न बंद किया जाए, पूर्ण रूप से शराब बंदी की जाए, फर्जी तौर से दिए लोन को माफ किया जाए, छत्तीसगढ़ के प्रदेश के युवाओं को रोजगार देकर मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के अथक प्रयास का नतीजा था कल 1 मई मजदूर दिवस के दिन गुरुवार को लगभग 5000 से अधिक लोग तूता धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर जनआंदोलन को महाआंदोलन का रूप दिया ।

दीपका भू-विस्थापितों की हड़ताल को उमागोपाल कुमार का समर्थन, उठी न्याय की आवाज ।


दीपका, ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा 16 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित हड़ताल ने दीपका और आसपास के क्षेत्रों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। यह हड़ताल एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन से विस्थापित समुदायों के रोजगार, मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की अनसुनी माँगों को लेकर आयोजित की जा रही है। इस आंदोलन को और मजबूती देते हुए स्थानीय निवासी उमागोपाल कुमार ने एक समर्थन पत्र जारी कर समिति के साथ अपनी एकजुटता जताई है, जिसने लोगों में न्याय की उम्मीद जगा दी है।
उमागोपाल कुमार ने अपने समर्थन पत्र में लिखा, “एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं ने स्थानीय समुदायों से उनकी जमीन, आजीविका और पारंपरिक अधिकार छीन लिए, लेकिन बदले में उन्हें उचित पुनर्वास और रोजगार नहीं मिला। यह हड़ताल विस्थापितों की पीड़ा और उनके हक की पुकार है। मैं समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ।” उनके इस कदम को क्षेत्रवासियों ने एक साहसी और प्रेरणादायक पहल बताया है।
समिति की माँगें स्पष्ट और कानून-सम्मत हैं। पहली माँग है कि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत विस्थापितों को रोजगार, मुआवजा और बुनियादी सुविधाएँ दी जाएँ। समिति का कहना है कि कोल इंडिया की मौजूदा नीति इस कानून के सामने अप्रासंगिक है, और कोल बेयरिंग एरिया एक्ट, 1957 के तहत हुए अर्जन पर भी केन्द्रीय कानून लागू होना चाहिए। दूसरी माँग हाईकोर्ट के आदेश के पालन की है, जिसमें 2012 से पहले अर्जित भूमि के छोटे खातेदारों और अर्जन के बाद जन्मे युवाओं को रोजगार देने और रैखिक संबंध की शर्त हटाने की बात कही गई है।
स्थानीय लोगों में इस हड़ताल को लेकर उत्साह है। एक प्रभावित किसान ने कहा, “हमारी जमीन गई, लेकिन हमें न नौकरी मिली न सम्मान। यह हड़ताल हमारी आवाज को दिल्ली तक ले जाएगी।उमागोपाल कुमार के समर्थन ने इस आंदोलन को और बल दिया है। एक युवा ने बताया, “उमागोपाल” जी का साथ हमें हिम्मत देता है। यह सिर्फ हड़ताल नहीं, हमारे भविष्य की लड़ाई है।


16 अप्रैल की हड़ताल दीपका और आसपास के विस्थापित समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकती है। यह न केवल उनकी अनसुनी माँगों को सामने लाएगी, बल्कि नीतिगत बदलाव की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।

उमागोपाल कुमार का समर्थन इस बात का प्रतीक है कि एकजुटता और साहस के साथ उठाई गई आवाज को अनदेखा करना मुश्किल है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि यह हड़ताल विस्थापितों के लिए कितना बड़ा बदलाव ला पाएगी।

राजधानी के कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत खेला जा रहा सट्टा, कोतवाली थाना द्वारा किया गया कार्यवाही ।

IPL के सीजन में फल फूल रहा जुआ और सट्टा का कारोबार

रायपुर पुलिस द्वारा थाना कोतवाली क्षेत्रांतर्गत गांधी नगर स्थित हनुमान मंदिर के पास कुछ व्यक्ति अंको में दांव लगाकर पर्ची के माध्यम से सट्टा संचालित कर रहे थे, पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा उक्त स्थान पर जाकर रेड कार्यवाही किया गया ।

रेड कार्यवाही व घेराबंदी कर पर्ची के माध्यम से सट्टा संचालित करते 04 सटोरियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नगदी रकम 10,640/- रूपये, सट्टा-पट्टी एवं डाट पेन जप्त कर सटोरियों के विरूद्ध थाना कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध कर कार्यवाही किया गया।

राजधानी रायपुर के वॉर्ड 29 गुरुगोविंद सिंह से कांग्रेस पार्टी के सजमन बाघ की पार्षद प्रत्याशी के लिए प्रबल दावेदारी, स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर प्राथमिकता के साथ साथ वार्डवासियों के मूलभूत समस्याओं को पूर्ण रूप से हल कर राहत दिलाने की बात

रायपुर । छत्तीसगढ़ में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनावों में अब राजनैतिक पार्टी के नेताओं द्वारा अब दावेदारों ने अपने अपने वार्डों में ताल ठोंकने की शुरुआत कर दी है। हर वार्ड के सक्रिय नेताओं ने होने जा रहे चुनाव में अब वार्ड भ्रमण करने और जनता के बीच जाकर श्रेत्र में स्थानीय निवासियों को मूलभूत सुविधाओं को उनतक पहुंचाने का संकल्प भी ले रहे हैं ।

इसी कड़ी में वार्ड नंबर 29 गुरु गोविंद सिंह वार्ड से कांग्रेस नेता सजमन बाघ पार्टी से पार्षद प्रत्याशी के लिए अपनी दावेदारी करने जा रहे हैं । सजमन बाघ कांग्रेस पार्टी से काफी लंबे समय से जुड़े हुए हैं और पद में भी रह चुके हैं। सजमन बाघ यूथ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं तथा कांग्रेस पार्टी में एक सक्रिय राजनीति के लिए जाने जाते हैं।
कांग्रेस पार्टी से दावेदारी कर रहे सजमन बाघ ने बताया कि वार्डवासी कई सारी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिसमें नल जल योजना के तहत् आज भी कई जगह पानी की समस्या बनी हुई है और जो जो छूट चुके हैं उन्हें पूरा करने का काम उनके द्वारा किया जाएगा । नाली के निस्तारीकरण को लेकर भी कांग्रेस प्रत्याशी सजमन बाघ ने बताया कि जहां जहां ये समस्याएं हैं उन्हें गंभीरतापूर्वक लेते हुए इस समस्या से भी वार्डवासियों को निजात दिलाने का काम किया जाएगा।

सजमन ने बताया कि पूर्व में भी पार्षद मिलिंद गौतम के साथ वार्ड में कामकाज उनके द्वारा देखा जाता था और जो भी दायित्व उन्हें मिलता था उसे पूरा करने की कोशिश हमेशा रही और आगे भी वार्डवासियों की समस्याओं को सुलझाने का काम उनके द्वारा किया जाएगा । इन्होंने यह भी बताया कि अगर उन्हें इस बार पार्टी मौका देती है तो स्वास्थ्य, शिक्षा क्षेत्र को मुख्य प्राथमिकता दी जाएगी ।

सजमन बाग की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उनके द्वारा उत्कल समाज के प्रति पार्टी को मजबूत करने निरन्तर कार्य किया गया है तथा 2006-2007 से ही यूथ कांग्रेस में अपनी भागीदारी निभाते आ रहे हैं । 2013 में युवा कांग्रेस से प्रदेश सचिव भी निर्वाचित रहे है और 2015 में युवा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके है। इस तरह जो भी दायित्व पार्टी ने उन्हें सौंपा उसे पूरी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य को निभाया और पूरा किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार मनोज पाण्डेय को देदी बड़ी राहत, भ्रष्टाचारियों की उड़ी नींद ।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से संचालित साप्ताहिक बुलंद छत्तीसगढ़ एवं दैनिक समाचार पत्र बुलंद मीडिया के संपादक मनोज पाण्डेय को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत देते हुए झूठे जातिगत अपशब्द वाले आरोप के प्रकरण में बड़ी राहत दी है। मामले का संक्षिप्त विवरण यह है कि पिछले 10 से 15 वर्षों मे अलग-अलग राज्य सरकार के अंतर्गत किए गए निर्माण कार्य मे भीषण अनियमितता को अपने साप्ताहिक समाचार पत्र में मनोज पाण्डेय के द्वारा उजागर किया गया था। जिसके एवज मे माह अप्रैल 2023 की घटना बताते हुए, घटना के लगभग 7 माह पश्चात झूठ तथा निचली जाति के एक कर्मी को गाली गलौज करने के संबंध मे प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी जिसको लेकर मनोज पाण्डेय की अग्रिम जमानत याचिका माह अगस्त 2024 को माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के द्वारा खारिज की गई थी। उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश मे यह उल्लेखित किया गया था कि अभियुक्त पाण्डेय के विरुद्ध कुछ अन्य मामले भी दर्ज हुए है तथा इसके अतिरिक्त एक संपादक के रूप मे उनकी भूमिका संदिग्ध है । पाण्डेय ने उक्त आदेश को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव के द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती देते हुए एक स्पेशल लीव पिटिशन दायर किया तथा यह गुहार लगाई कि इस मामले मे अभियुक्त को एक ईमानदार और कर्मठ पत्रकार होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। याचिका मे यह भी कहा गया कि चूंकि मामला अनुसूचित जाति तथा जनजाति के एक कर्मी के विरुद्ध किए गए अपशब्दों के प्रयोग से संबंधित है। अपितु इस मामले की शिकायत एक सामान्य वर्ग के ठेकेदार के द्वारा की गई है। इसके अलावा मामले को सोच समझकर 7 माह पश्चात एक प्रथम सूचना रिपोर्ट का रूप दिया गया है ताकि याचिकाकर्ता मानसिक रूप से दबाव मे आकर अपनी ईमानदार और कर्मठ पत्रकारिता से पीछे हट जाए और किसी भी प्रकार की अनियमित गतिविधियों को उजागर ना करें ।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पहली सुनवाई के दिन ही याचिककर्ता को अग्रिम जमानत की अंतरिम राहत दे दी थी किन्तु पिछले गुरुवार को इस मामले की फाइनल सुनवाई की जिसमे याचिकाकर्ता के उपरोक्त सभी न्याय संगत कथनों को आगे रखते हुए उनके अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि अभियुक्त के ऊपर दर्ज किया गया प्रथम सूचना रिपोर्ट सिर्फ उनकी ईमानदारी के साथ पत्रकारिता के गतिविधियों का ही परिणाम है जिसके कारण इनके उपर लगातार दबाव बनाया गया और घटना दिनांक के 7 महीने बाद द्वेषपूर्ण तरीके से दबाव बनाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई । सभी पक्षों को सुनने के पश्चात माननीय सुप्रीम कोर्ट ने प्रकरण की परिस्थिति तथा मामले की प्रवृति को देखकर याचिकाकर्ता मनोज पाण्डेय को पूर्णत: अग्रिम जमानत प्रदान किया ।

पत्रकार मनोज पांडे जी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक बड़ा राहत दिया गया पर ?

साथ ही एक बात और कहूंगा कि पैसा कितना भी बलवान है शिक्षा के सामने टिक नहीं सकता ।