छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बच्चों ने समझा जंगल एवं पर्यावरण का महत्व गणेश पंडाल का विषय रखा हसदेव के जंगल के नाम ।
बच्चों ने कहा जिस प्रकार हसदेव का जंगल काटा जा रहा है हसदेव के जंगल में अनेकों प्रकार के जैव विविधता एवं मूल आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं जो की हसदेव का जंगल काटे जाने के बाद ना ना प्रकार के जीव जंतु एवं मूल आदिवासी समाज स्थानीय लोगों का घर उजाड़ कर एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन ने हरे भरे बसे हुए जंगल को कटवा दिया जिससे आने वाले समय में ऑक्सीजन की कमी एवं ओजोन परत की क्षति होगी । जीने के लिए ऑक्सीजन बहुत आवश्यक है एवं ओजोन परत के नष्ट होने पर पर्यावरण वं वातावरण को आनेक प्रकार से हानि होगी जिससे भविष्य में जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज ) होगा जिस कारण आने वाले भविष्य में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अनेका-अनेक प्रकार की बीमारियां होंगे।
राजधानी रायपुर के बच्चों ने कहा कि पर्यावरण परिवर्तन के बारे में हम लोगों को चिंता है परंतु छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार एवं पूर्व में कांग्रेस की सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के ऊपर ना ही ध्यान दिया गया ना ही किसी प्रकार का कोई कठोर कदम उठाया गया और बड़े उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाखो जीव जन्तुओ की हत्या कर जंगल को काटने का आदेश जारी कर दिया जिससे हमारे जलवायु परिवर्तन में बहुत ही ज्यादा फर्क पड़ेगा क्योंकि वर्तमान समय में जंगल बहुत कम रह गये हैं जो कि हमे स्वक्ष आक्सीजन प्रदान करते हैं ।
बच्चों ने कहा कि हम समझ रहे हैं जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन में कैसा परिवर्तन लाएगा यह सोच कर हम लोग चिंतित हैं परंतु छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार एवं पूर्व में कांग्रेस की सरकार जलवायु परिवर्तन एवं जंगल के बचाव के लिए किसी भी प्रकार का कोई विचार तक नही किया और भारत सरकार द्वारा बनाया गया राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) किसी प्रकार का कार्य नहीं कर रहा है जबकि हसदेव के जंगल में अनेकों प्रकार के जैव विविधताये ।
राजधानी रायपुर के बच्चों ने जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण जीवन जीने के लिया महत्व समझा और यह कदम उठाया है तो क्या वर्तमान में केंद्र में स्थित सरकार, राज्य में स्थित सरकार व पूर्व की कांग्रेस सरकार को हमारे पर्यावरण की कोई चिंता नहीं हैं ।
एक भारतीय नागरिक और एक पत्रकार होने के नाते मेरा सरकार से एक ही सवाल है क्या बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है ? जिसके कारण उन्होंने लाखों जीव जंतुओं का घर हसदेव का वन नष्ट कर दिया ।
भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) केवल और केवल आम जनता का टैक्स का पैसा का दोहन करने के लिए बना है ? उनका कोई कर्तव्य नही बनता लाखो जीव जन्तु की हत्याओं के प्रति की वह आकार हसदेव के वन मे हस्तक्षेप करे ।
क्या कोई कर्तव्य नही बनता वर्तमान में केंद्र में स्थित सरकार, राज्य में स्थित सरकार व पूर्व की कांग्रेस सरकार को हमारे पर्यावरण जो बचाने के लिये कोई कठोर कदम उठाये ?