रायपुर नगर निगम में बिना रिश्वत दिए नहीं होता कोई काम… पत्रकार राहुल मिश्रा

रायपुर. रायपुर नगर निगम के किसी भी जोन में अब बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं हो रहा है. आलम ये है कि रजिस्ट्री के बाद नगर निगम की टैक्स रसीद के लिए जब आप अपना नाम ट्रांसफर कराने की प्रक्रिया कराएंगे तो अधिकारी इस काम के लिए आपसे 10 हजार रूपए की रिश्वत की डिमांड करेंगे. यदि आपसे भी कोई नगर निगम कर्मचारी रिश्वत मांगे तो आप छत्तीसगढ़ जर्नीलिस 24.कॉम से 09425248500 पर संपर्क कर उक्त स्टॉफ/अधिकारी की करतूत उजागर कर सकते है. आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा.

हम बात कर रहे है नगर निगम जोन क्रमांक 9 की यहां के राजस्व स्टॉफ नाम ट्रांसफर के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे. राजस्व अधिकारी (एआरआई) की करतूत को रिश्वत देते हुए उजागर किया. लेकिन रिश्वत मांगने के बाद जब उसने अपनी करतूत कैमरे में कैद होती देखी तो उसने पैसे उछाकर वापस कर दिए और बाद में अपनी ईमानदारी का बखान किया.वहीं जोन 9 के राजस्व अधिकारी (आरओ) ने इस मामले ये कहा है कि वे इस मामले की जांच कराएंगे और नियमों के मुताबिक उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.

रायपुर कलेक्टर कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहाअधिकारी को Highcourt से अवमानना

रायपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद रायपुर कलेक्टर व खाद्य नियंत्रक द्वारा राशन दुकानदार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई नहीं करने को लेकर उच्च न्यायालय ने न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. निर्धारित समय-सीमा में जवाब देने के बाद कलेक्टर और खाद्य नियंत्रक रायपुर के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने का उल्लेख उच्च न्यायालय ने किया है. इस संबंध में एक प्रिंट मीडिया से बातचीत में कलेक्टर गौरव सिंह व खाद्य नियंत्रक अरविंद दुबे ने कहा है कि फिलहाल हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक अवमानना नोटिस दिए जाने की जानकारी नहीं उन्हें नहीं है.उक्त मीडिया रिपोर्ट में अधिवक्ता जितेंद्रनाथ नंदे के हवाले से बताया गया है कि शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान के विरुद्ध जिला स्तर पर शिकायत किए जाने पर तत्कालीन कलेक्टर रायपुर के निर्देश पर जांच किए जाने पर गंभीर अनियमितता पाई गई थी. तत्कालीन कलेक्टर रायपुर ने जांच के बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने के निर्देश दिए थे. इस जांच के बाद खाद्य संचालनालय स्तर पर जांच दल बनाकर उच्च स्तरीय जांच करवाई गई, उसमें भी गंभीर अनियमितता पाए जाने पर कार्यवाही नहीं की जा रही थी. संचालनालय स्तर पर चार महीने तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की, जिसमें शासकीय उचित मूल्य दुकानदार के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे.रायपुर में पदस्थ प्रभारी खाद्य नियंत्रक द्वारा कार्यवाही नहीं किए जाने की शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी रायपुर सहित सहायक खाद्य अधिकारी और दो अन्य खाद्य निरीक्षकों का दल बनाकर उच्च न्यायालय के आदेश के संबंध में अभिमत लेने के लिए दल बनाया गया. इससे व्यथित होकर शिकायतकर्ता मधुसूदन मिश्रा द्वारा अधिवक्ता जितेंद्र नाथ नंदे के माध्यम से उच्च न्यायालय बिलासपुर में न्यायिक अवमानना की याचिका क्रमांक 434/2024 दायर की गई, जिसमें उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अवमानना के मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में कलेक्टर रायपुर गौरव सिंह और खाद्य नियंत्रक रायपुर अरविंद दुबे को न्यायिक अवमानना का नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. दोनों अधिकारियों द्वारा जवाब दिए जाने के बाद आगे की कार्यवाही होने का उल्लेख न्यायिक आदेश में है.

आधार फाइनेंस द्वारा तहसीलदार का फर्जी पत्र बनकर अपराधिकृत को दिया गया अनजाम ।।

आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर के द्वारा अपराधिकृत कर तहसीलदार का फर्जी आदेश पत्र बनवाकर सबसे पहले भिलाई-3 दुर्ग थाने में उसकी पावती ली गई उसके बाद आधार फाइनेंस के अधिवक्ता के द्वारा उस पत्र को लेकर पीड़िता संगीता बर्मन के घर पर रखे हुए सामान को अवैध रूप से अपराधी गतिविधि कर घर का दरवाजा तोड़कर सामान को चोरी कर ले जाने की कोशिश की जा रही थी, जिसमें कुछ पुलिस वाले भी शामिल थे यह पूरी घटना DDनगर कॉलोनी चरोदा भिलाई की एक महिला देख रही थी, जिन्होंने मौके पर जाकर वीडियो बनाने की कोशिश की तो उन महिला को चार आदमियों ने पड़कर घर के अंदर खींच लिया एवं महिला के साथ बदतमीजी की कोशिश की गई जिसे वहा खड़े पुलिस वाले प्रत्यक्ष देख रहे थे । पुलिस वालों ने कुछ नहीं किया जब महिला ने संगीता बर्मन को कॉल करके बुलाया तो उसके बाद जब संगीता बर्मन आ गई उन्होंने वीडियो बनाना जारी रखा क्योंकि संगीता बर्मन एक अभियान कर्ज मुक्त भारत से जुड़ी हुई है, इस कारण उन्हें कुछ नियम एवं कानून बताए गए हैं, जिनका वह पालन करते हुए वीडियो बना रही थी, पुलिस वालों ने जब देखा कि उनका वीडियो बन रहा है, क्योंकि जो आदेश पत्र फर्जी था पुलिस वाले को पता था इसलिए पुलिस वाले वहां से निकाल कर भाग गए, इसके बाद आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) वालों ने संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र और एक पुरुष को घर पर बंधक बनाकर रखा । कर्ज मुक्त भारत अभियान की टीम मौके पर पहुंची उसके बाद उन्होंने 112 में कॉल किया जिसमें पुलिस वाले नहीं आ रहे थे, बाद में अधिवक्ता रमन मिश्रा के द्वारा दुर्ग SP साहब को शिकायत कर 112 को कॉल किया तब 112 की गाड़ी आई एवं उनके द्वारा आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) कर्मी को बुलाया गया जिन्होंने अपने हाथ से ताला को खोल दोनों बंधक महिलाओं को बाहर निकाला एवं खुद से स्वीकार किया कि उनके द्वारा दोनों महिलाओं को एवं उसे व्यक्ति को बंधक बनाया गया था । जिसमें की आधार फाइनेंस लिमिटेड रायपुर(बैंक) के अधिवक्ता भी शामिल थे, बाद में जब कंप्लेंट लिखने के लिए संगीता बर्मन एवं उनकी महिला मित्र थाने गई तो पुलिस द्वारा केवल शिकायत लिया गया FIR नहीं लिखा गया । …………………………………………………

कार्बन डाइऑक्साइड की कमी से ‘खाद्य सुरक्षा को ख़तरा’

लोरेम इप्सम डोलोर सिट अमेट, कंसेक्टेचर एडिपिसिंग एलीट, सेड डू ईयसमॉड टेम्पोर इंसिडिडंट यूट लेबोर एट डोलोर मैग्ना अलिका। यूटी एनिम एड मिनिम वेनियम, क्विस नोस्ट्रुड एक्सर्सिटेशन उल्लामको लेबोरिस निसी यूटी एलिक्विप एक्स ईए कमोडो कॉन्सक्वेट। डुइस अउते इरुरे डोलोर इन रिप्रेहेंडरिट इन वोलुप्टेट वेलिट एस्से सिलम डोलोर ईयू फ्यूगिएट नल्ला पारियाटुर। एक्सेप्टेउर सिंट ओकैकैट क्यूपिडैटैट नॉन प्रोडेंट, सुंट इन कल्पा क्वि ऑफिसिया डेसेरंट मोलिट एनिम आईडी इस्ट लेबोरम

क्या ऊर्जा बाज़ार इस संकट से बच सकता है ?

लोरेम इप्सम डोलोर सिट अमेट, कंसेक्टेचर एडिपिसिंग एलीट, सेड डू ईयसमॉड टेम्पोर इंसिडिडंट यूट लेबोर एट डोलोर मैग्ना अलिका। यूटी एनिम एड मिनिम वेनियम, क्विस नोस्ट्रुड एक्सर्सिटेशन उल्लामको लेबोरिस निसी यूटी एलिक्विप एक्स ईए कमोडो कॉन्सक्वेट। डुइस अउते इरुरे डोलोर इन रिप्रेहेंडरिट इन वोलुप्टेट वेलिट एस्से सिलम डोलोर ईयू फ्यूगिएट नल्ला पारियाटुर। एक्सेप्टेउर सिंट ओकैकैट क्यूपिडैटैट नॉन प्रोडेंट, सुंट इन कल्पा क्वि ऑफिसिया डेसेरंट मोलिट एनिम आईडी इस्ट लेबोरम