रायपुर__ जैसे ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या अस्पताल, धार्मिक, कचहरी, अन्य स्थल इत्यादि से निकलते हैं आटो, ई रिक्शा, बस वाले कहां जाना है, “” कहां जाना है, कहां जाना है &quo-
बोल कर आदमी को तंग करना चालू कर देते हैं, जिला प्रशासन को आदेश निकालना चाहिए कि वे किसी भी राहगीर या नागरिक से इस तरह के सवाल ना पूछे।
अधिकाश आटो, ई रिक्शा, बस वाले गरीब बेबस अनपढ़, लाचार लोगों से बतमीजी, दादागिरी करते हैं और सब एकजुट होकर आम नागरिकों के पैसा को लूटने की कोशिश करते हैं।
आटो, ई रिक्शा, बस के दादागिरी देशव्यापी समस्या हैं कुछ आटो, ई रिक्शा, बस वाले सज्जन भी है जो मानवता के आधार पर कई बार फ्री भी मुसाफिर को उसके ठिकाने तक छोड़ देते है मगर अधिकाश लोग
ज्यादा पैसा लेने के फिराक में रहते हैं और बुजुर्ग, अनपढ़, बीमार और बेबस लोगों को उनकी लाचारी का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।
कई बार पुलिस जब सख्ती करती है तो ये आटो, ई रिक्शा, बस वाले संख्या बल के आधार पर पुलिस को भी दबाने की कोशिश करते हैं मगर पुलिस के पास असीमित अधिकार है उसको जनहित में इस्तेमाल करना चाहिए और जो आटो, ई रिक्शा, बस अच्छे हैं उनका स्वागत हो और जो नियम तोड़ते है उनको दंड दिया जाय।
आटो, ई रिक्शा, बस हड़ताल की धमकी देते हैं और अपने को संख्याबल के आधार पर मनमानी कर रहे हैं, कई बार तो पुलिस वाले से भी उलझ जाते है, आटो, ई रिक्शा, बस को माल ढोने का, ओवरलोड, डाला से उपर, जानवरों की तरह इंसान को भर कर ज्यादा संख्या में सवारी बैठा कर घूमते हैं ।