मुख्य अपराधी एजाज ढेबर का भाई याहया ढेबर पुलिस अधिकारी गिल और त्रिवेदी भी दोषी जग्गी हत्याकांड के सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा बरकरार

बिलासपुर छत्तीसगढ़ की सियासत के सबसे बड़े जग्गी हत्याकांड के सभी 25 आरोपियों को हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखने का फैसला किया है। इस मामले में रायपुर के महापाैर एजाज ढे़बर के भाई याहया ढेबर को अदालत ने मुख्य आरोपी माना है। तत्कालीन पुलिस अधिकारी अमरीक सिंह गिल और आरके त्रिवेदी, वीके पांडेय भी आरोपियों में शामिल हैं। पूर्ववर्ती जोगी सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में एनसीपी नेता रामअवतार जग्गी उर्फ तारू भैया की हत्या रायपुर में माैदहापारा के पास कर दी गई थी। यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंदिता का था। उस समय एनसीपी के नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल के करीबी रहे और पार्टी के चुनाव संचालक तारू जग्गी को राजनीतिक कारणों से माैत के घाट उतारा गया था। यह हत्याकांड छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास का एक जघन्य अपराध माना गया था। पूर्व में मामले की सुनवाई रायपुर के सीबीआई कोर्ट में हुई थी, इस अदालत ने भी एक आरोपी को बरी करते हुए अन्य को सजा सुनाई थी। लेकिन हाल के दिनों में मामले की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में की जा रही थी।2003 में घटित इस हत्याकांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भी आरोपी थी, लेकिन अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया था। वहां से सुनवाई के लिए मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में आया था।बताया गया है कि इस मामले में अन्य आरोपियों अभय गोयल, फिरोज सिद्दीकी, अवनीश सिंह लल्लन, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता,राजू भदाैरिया, अनिल पचाैरी, रविंद्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदाैरिया, धर्मेंद्र, सत्येंद्र सिंह, शिवेंद्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठाैर, संजय सिंह कुशवाहा, विक्रम शर्मा, जसवंत, विश्वनाथ राजभर सहित अन्य आऱोपी थे। बताया गया है कि मामले में अमित जोगी की याचिका पर स्टे है, इनके संबंध में स्थिति फिलहाल साफ नहीं है। अमित जोगी को सीबीआई कोर्ट ने पूर्व में सुबूतो के आभाव में बरी किया था।

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