प्रधान मंत्री मोदी की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत बना शौचालय चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट ।

मुकेश कुमार की रिपोर्ट सरगुजा – सरगुजा जिले के आकांक्षी लखनपुर विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत बना शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है जहां ठेका प्रथा से शौचालय का आधा अधूरा निर्माण कर ठेकेदार और अधिकारियों ने मिली भगत से राशि का बंदर बांट कर लिया है। वहीं पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है कहने को तो यह गांव ओडीएफ घोषित हो चुका है। लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रहा है। पूरा मामला लुण्ड्रा विधानसभा अंतर्गत आकांक्षी विकासखंड लखनपुर के ग्राम बेलदगी के आश्रित ग्राम अलगा बेदोंपानी और आमापानी में एक दर्जन से अधिक पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों का स्वच्छ भारत मिशन योजना 2024 – 25 अंतर्गत ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से शौचालय का आधा अधूरा निर्माण कार्य कराया गया और किसी हितग्राही के एक शौचालय में दो टायलेट सीट बैठाया तो किसकी हितग्राही के गड्ढा बनाकर ठेकेदार और अधिकारियों कर्मचारियों ने मिली भगत कर शौचालय की राशि हजम कर लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक बुटूल कोरवा पिता मंगल साय ,जगरोपण पिता मंगल साय ,लहंगा कोरवा पिता रामसाय,जेठी भाई पति मंगल सहाय, सुरेश कोरबा, बुधराम, कुंती कोरवा, रवि कोरवा, दुहनी कोरवा संहित अन्य पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों का वर्ष 24 – 25 में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय स्वीकृत हुआ इसके बाद पंकज तिर्की नामक ठेकेदार आश्रित ग्राम अलका बैंदोपानी और आमापानी पहुंच पहाड़ी कोरवाओ का आधा अधूरा शौचालय निर्माण किया गया और जनपद कर्मचारी पंकज गुप्ता से मिली भगत कर ठेकेदार ने जियो टैग कराकर हितग्राहियों से 12-12 हजार रुपए खाते से निकलवा लिए शौचालय निर्माण कार्य पूर्ण बिना ही राशि हजम कर लिया गया आज हितग्राहियों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ रहा है जिसे उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शौचालय निर्माण की आई तस्वीर स्वच्छ भारत मिशन योजना को चढ़ाते हैं नजर आ रही है वहीं अब देखने वाली बात होगी कि स्वच्छ भारत मिशन योजना में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है।

कागजों में बना शौचालय निकाल लिया गया राशि
राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरबा जनजाति के लोगों की माने तो गांव में कई लोगों का शौचालय आधा अधूरा बना है और कई हितग्राहियों का शौचालय शुरू भी नहीं हुआ है। ठेकेदार गांव पहुंच गाड़ी बुक कर सभी हितग्राहियों को लखनपुर लाकर उनके खातों से 12-12000 निकलवा कर पैसा ले लिया गहै और शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है।

जिओ टेककर्ता पंकज गुप्ता

इस संबंध में जिओ टेक कर्ता पंकज गुप्ता से फोन पर बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत बने शौचालय का जिओ टेक नहीं किया गया और ना ही राशि का आहरण किया गया है।

KORBA में लीडरशिप समिट ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजन, शिक्षा में AI के प्रभाव

कोरबा: ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, रायगढ़ द्वारा शनिवार, 25 मई 2025 को होटल गणेश इन, कोरबा में एक भव्य लीडरशिप समिट का आयोजन किया गया। इस समिट का मुख्य विषय था- “एआई-पावर्ड एजुकेशन”, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के शिक्षा प्रणाली पर पड़ रहे प्रभावों और उसके भविष्य को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

शाम 6 बजे से 9 बजे तक चले इस कार्यक्रम में कोरबा क्षेत्र के कुल 25 स्कूल और कॉलेजों के प्राचार्य बतौर प्रतिभागी उपस्थित रहे। इस समिट का उद्देश्य शिक्षा जगत के नेतृत्वकर्ताओं के साथ मिलकर यह समझना था कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी उभरती तकनीकों को शिक्षा में शामिल कर छात्रों को अधिक सशक्त और तैयार किया जा सकता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आर. डी. पाटीदार थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “एआई अब केवल भविष्य की बात नहीं रही, बल्कि यह वर्तमान का हिस्सा बन चुकी है, जो शिक्षा, मूल्यांकन और अधिगम के तरीकों को तेजी से बदल रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीक शिक्षक की भूमिका को मजबूत करे, न कि उसे प्रतिस्थापित करे।”

दूसरे सत्र में ओपीजयू इनोवेशन सेंटर के सीईओ डॉ. दीपायन प्रियदर्शी ने “इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप” विषय पर प्रस्तुति दी। डॉ. प्रियदर्शी ने “इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप” (नवाचार एवं उद्यमिता) विषय पर एक ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी। उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में रचनात्मक सोच, जोखिम लेने की क्षमता और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर जोर दिया।

सभी उपस्थित प्राचार्यों ने ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी की इस पहल की सराहना की और सुझाव दिया कि इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी नवीन विषयों पर आयोजित किए जाएं, जिससे स्कूल और कॉलेज के छात्रों को भी उभरती तकनीकों के बारे में जानकारी मिले और वे समय के साथ आगे बढ़ सकें।

कार्यक्रम का संचालन ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी की टीम द्वारा कुशलता से किया गया। यह समिट कोरबा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक आयोजन साबित हुआ और प्रतिभागियों में तकनीकी जागरूकता और सहयोग की भावना को और अधिक मजबूत किया।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के बैनर तले समाज सेविका डॉ प्रियंका मिश्रा द्वारा अवैध स्कूल संचालक पर CBI जांच की मांग ।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर एवं अन्य जिलों में अवैध रूप से स्कूल संचालक किए जाने पर समाजसेवी का डॉ प्रियंका मिश्रा जी द्वारा लगातार मुहीम चलाया जा रहा है । जिस पर डॉ प्रियंका मिश्रा जी द्वारा बार-बार जिला दंडाअधिकारी (जिला कलेक्टर ) रायपुर को ज्ञापन दिया पूर्व मे दिया गया है, अवैध स्कूल संचालक को लेकर जो कि छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के मानकों को पूरा नहीं करते हैं एवं 1-2 रूम एक किचन में स्कूल का संचालन कर रहे हैं, स्कूल के व्यवसायीकरण को लेकर समाज सेविका डॉ प्रियंका मिश्रा जी द्वारा पूर्व में धरना स्थल तुता में अनिश्चितकालीन धरना दिया गया था परंतु सरकार की लाचारी के चलते किसी भी अधिकारी द्वारा ज्ञापन लेने के लिए तुता धरना स्थल नहीं आया गया जिसके बाद सड्डु रायपुर में चल रहे दो अवैध स्कूलों के सामने जाकर डॉ प्रियंका मिश्रा जी एवं उनके सहयोगियों द्वारा शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया गया । यह सब होने के बाद भी शासन प्रशासन के कान पर जू ना रेंगा जिस कारण अब मजबूरन पूरे विषय पर CBI जांच की मांग प्रियंका मिश्रा जी द्वारा की जा रही है ।

जिसमें से मुख्य रूप से अवैध स्कूल संचालन 1 कमरे में नर्सरी से 8 वीं तक स्कूल का संचालन बंद हो बिना मानक पूर्ण किए ही पैसा के लेनदेन से स्कूल का संचालन कलेक्टर के माध्यम से हो रहा है । कर्ज माफी कोरबा में फ्लोरा मैक्स द्वारा 40 हजार महिलाओं को फर्जी समूह लोन देकर कर्ज में धकेला है । शराब बंदी लागू भारतीय संविधान में धारा 47 के तहत राज्य सरकार शराब बंदी कर सकती है शराब बंदी लागू नहीं कर के सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है ।

महिला उत्पीड़न तभी बंद होगा जब महिलाओं को 50% समानता का अधिकार मिलेगा । महिला उत्पीड़न छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख मुद्दा है आए दिन समाचार पत्र एवं अखबारों टीबी चैनल पर हम सब देखते हैं कि महिलाओ इज्जत आबरू किस प्रकार हैं तार- तार किए जाते हैं, छत्तीसगढ़ शासन को महिलाओं के सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए विशेष कानून बनना चहिए ।

रोजगार की मांग शामिल है संविधान की धारा 41 के तहत रोजगार हमारा अधिकार है । छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा युवाओं को रोजगार दे पाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के युवा द्वारा पलायन कर दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश पर जाया जाता है, यदि छत्तीसगढ़ शासन रोजगार संबंधित समस्याओं पर ध्यान दें और छत्तीसगढ़ के नवयुवक के पलायन नहीं करना पड़ेगा, इससे छत्तीसगढ़ में रोजगार का एक बड़ा अवसर सामने आ सकता है, जिन मुद्दों को लेकर महापरिवर्तन जनआंदोलन के द्वारा 100% रोजगार की मांग रखी गई है ।

दूसरे राज्यों में छत्तीसगढ़ के लोगों का शोषण होता है यदि सरकार एक छोटी पहल कर ले तो छत्तीसगढ़ के लोगों का शोषण होने से बचाया जा सकता है ।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के बैनर के नीचे पांच सूत्रीय मांग को लेकर दिया जा रहा धरना ।

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महाआंदोलन जनपरिवर्तन के बैनर तले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता में डॉ.प्रियंका मिश्रा एवं उनके सहयोगी द्वारा पिछले चार दिनों से छत्तीसगढ़ शासन से जनसरोकार के पांच सूत्र मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई है जिनका मुख्य मांग है अवैध स्कूल संचालन, शराबबंदी, पूर्ण रोजगार, कर्ज माफी एवं महिला उत्पीड़न को खत्म करना ।

प्रशासन से पांच मांग – अवैध स्कूल संचालन बंद किया जाए ,महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान महिला उत्पीड़न बंद किया जाए, पूर्ण रूप से शराब बंदी की जाए, फर्जी तौर से दिए लोन को माफ किया जाए, छत्तीसगढ़ के प्रदेश के युवाओं को रोजगार देकर मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के अथक प्रयास का नतीजा था कल 1 मई मजदूर दिवस के दिन गुरुवार को लगभग 5000 से अधिक लोग तूता धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर जनआंदोलन को महाआंदोलन का रूप दिया ।

दीपका भू-विस्थापितों की हड़ताल को उमागोपाल कुमार का समर्थन, उठी न्याय की आवाज ।


दीपका, ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा 16 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित हड़ताल ने दीपका और आसपास के क्षेत्रों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। यह हड़ताल एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन से विस्थापित समुदायों के रोजगार, मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की अनसुनी माँगों को लेकर आयोजित की जा रही है। इस आंदोलन को और मजबूती देते हुए स्थानीय निवासी उमागोपाल कुमार ने एक समर्थन पत्र जारी कर समिति के साथ अपनी एकजुटता जताई है, जिसने लोगों में न्याय की उम्मीद जगा दी है।
उमागोपाल कुमार ने अपने समर्थन पत्र में लिखा, “एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं ने स्थानीय समुदायों से उनकी जमीन, आजीविका और पारंपरिक अधिकार छीन लिए, लेकिन बदले में उन्हें उचित पुनर्वास और रोजगार नहीं मिला। यह हड़ताल विस्थापितों की पीड़ा और उनके हक की पुकार है। मैं समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ।” उनके इस कदम को क्षेत्रवासियों ने एक साहसी और प्रेरणादायक पहल बताया है।
समिति की माँगें स्पष्ट और कानून-सम्मत हैं। पहली माँग है कि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत विस्थापितों को रोजगार, मुआवजा और बुनियादी सुविधाएँ दी जाएँ। समिति का कहना है कि कोल इंडिया की मौजूदा नीति इस कानून के सामने अप्रासंगिक है, और कोल बेयरिंग एरिया एक्ट, 1957 के तहत हुए अर्जन पर भी केन्द्रीय कानून लागू होना चाहिए। दूसरी माँग हाईकोर्ट के आदेश के पालन की है, जिसमें 2012 से पहले अर्जित भूमि के छोटे खातेदारों और अर्जन के बाद जन्मे युवाओं को रोजगार देने और रैखिक संबंध की शर्त हटाने की बात कही गई है।
स्थानीय लोगों में इस हड़ताल को लेकर उत्साह है। एक प्रभावित किसान ने कहा, “हमारी जमीन गई, लेकिन हमें न नौकरी मिली न सम्मान। यह हड़ताल हमारी आवाज को दिल्ली तक ले जाएगी।उमागोपाल कुमार के समर्थन ने इस आंदोलन को और बल दिया है। एक युवा ने बताया, “उमागोपाल” जी का साथ हमें हिम्मत देता है। यह सिर्फ हड़ताल नहीं, हमारे भविष्य की लड़ाई है।


16 अप्रैल की हड़ताल दीपका और आसपास के विस्थापित समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकती है। यह न केवल उनकी अनसुनी माँगों को सामने लाएगी, बल्कि नीतिगत बदलाव की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।

उमागोपाल कुमार का समर्थन इस बात का प्रतीक है कि एकजुटता और साहस के साथ उठाई गई आवाज को अनदेखा करना मुश्किल है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि यह हड़ताल विस्थापितों के लिए कितना बड़ा बदलाव ला पाएगी।