पांच सूत्रीय मांगों को लेकर महापरिवर्तन जनआंदोलन ।

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नया रायपुर स्थित तूता धरना स्थल में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर महापरिवर्तन जनआंदोलन किया जा रहा है ।

डॉ प्रियंका मिश्रा, पूजा मिश्रा, कुश अग्रवाल, बृजेश शर्मा, रंजना सिंह (मजदूर यूनियन महिला जिला अध्यक्ष), संगीता बर्मन (कर्ज मुक्त भारत अभियान छत्तीसगढ़ टीम महिला प्रमुख ) ने पांच मांगे जन सरोकार के मुद्दे को लेकर आंदोलन कर रहे हैं ।

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जिसमें से मुख्य रूप से अवैध स्कूल संचालन 1 कमरे में नर्सरी से 8 वीं तक स्कूल का संचालन बंद हो बिना मानक पूर्ण किए ही पैसा के लेनदेन से स्कूल का संचालन कलेक्टर के माध्यम से हो रहा है । कर्ज माफी कोरबा में फ्लोरा मैक्स द्वारा 40 हजार महिलाओं को फर्जी समूह लोन देकर कर्ज में धकेला है । शराब बंदी लागू भारतीय संविधान में धारा 47 के तहत राज्य सरकार शराब बंदी कर सकती है शराब बंदी लागू नहीं कर के सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है ।

महिला उत्पीड़न तभी बंद होगा जब महिलाओं को 50% समानता का अधिकार मिलेगा । महिला उत्पीड़न छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख मुद्दा है आए दिन समाचार पत्र एवं अखबारों टीबी चैनल पर हम सब देखते हैं कि महिलाओ इज्जत आबरू किस प्रकार हैं तार- तार किए जाते हैं, छत्तीसगढ़ शासन को महिलाओं के सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाने चाहिए विशेष कानून बनना चहिए ।

रोजगार की मांग शामिल है संविधान की धारा 41 के तहत रोजगार हमारा अधिकार है । छत्तीसगढ़ में शासन द्वारा युवाओं को रोजगार दे पाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ के युवा द्वारा पलायन कर दूसरे राज्यों में रोजगार की तलाश पर जाया जाता है, यदि छत्तीसगढ़ शासन रोजगार संबंधित समस्याओं पर ध्यान दें और छत्तीसगढ़ के नवयुवक के पलायन नहीं करना पड़ेगा, इससे छत्तीसगढ़ में रोजगार का एक बड़ा अवसर सामने आ सकता है, जिन मुद्दों को लेकर महापरिवर्तन जनआंदोलन के द्वारा 100% रोजगार की मांग रखी गई है ।

दूसरे राज्यों में छत्तीसगढ़ के लोगों का शोषण होता है यदि सरकार एक छोटी पहल कर ले तो छत्तीसगढ़ के लोगों का शोषण होने से बचाया जा सकता है ।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के बैनर के नीचे पांच सूत्रीय मांग को लेकर दिया जा रहा धरना ।

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महाआंदोलन जनपरिवर्तन के बैनर तले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धरना स्थल तूता में डॉ.प्रियंका मिश्रा एवं उनके सहयोगी द्वारा पिछले चार दिनों से छत्तीसगढ़ शासन से जनसरोकार के पांच सूत्र मांगों को लेकर धरने पर बैठी हुई है जिनका मुख्य मांग है अवैध स्कूल संचालन, शराबबंदी, पूर्ण रोजगार, कर्ज माफी एवं महिला उत्पीड़न को खत्म करना ।

प्रशासन से पांच मांग – अवैध स्कूल संचालन बंद किया जाए ,महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान महिला उत्पीड़न बंद किया जाए, पूर्ण रूप से शराब बंदी की जाए, फर्जी तौर से दिए लोन को माफ किया जाए, छत्तीसगढ़ के प्रदेश के युवाओं को रोजगार देकर मुख्य धारा से जोड़ा जाए।

महापरिवर्तन जनआंदोलन के अथक प्रयास का नतीजा था कल 1 मई मजदूर दिवस के दिन गुरुवार को लगभग 5000 से अधिक लोग तूता धरना स्थल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर जनआंदोलन को महाआंदोलन का रूप दिया ।

दीपका भू-विस्थापितों की हड़ताल को उमागोपाल कुमार का समर्थन, उठी न्याय की आवाज ।


दीपका, ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा 16 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित हड़ताल ने दीपका और आसपास के क्षेत्रों में एक नई हलचल पैदा कर दी है। यह हड़ताल एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन से विस्थापित समुदायों के रोजगार, मुआवजा, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की अनसुनी माँगों को लेकर आयोजित की जा रही है। इस आंदोलन को और मजबूती देते हुए स्थानीय निवासी उमागोपाल कुमार ने एक समर्थन पत्र जारी कर समिति के साथ अपनी एकजुटता जताई है, जिसने लोगों में न्याय की उम्मीद जगा दी है।
उमागोपाल कुमार ने अपने समर्थन पत्र में लिखा, “एस.ई.सी.एल. की परियोजनाओं ने स्थानीय समुदायों से उनकी जमीन, आजीविका और पारंपरिक अधिकार छीन लिए, लेकिन बदले में उन्हें उचित पुनर्वास और रोजगार नहीं मिला। यह हड़ताल विस्थापितों की पीड़ा और उनके हक की पुकार है। मैं समिति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूँ।” उनके इस कदम को क्षेत्रवासियों ने एक साहसी और प्रेरणादायक पहल बताया है।
समिति की माँगें स्पष्ट और कानून-सम्मत हैं। पहली माँग है कि भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के तहत विस्थापितों को रोजगार, मुआवजा और बुनियादी सुविधाएँ दी जाएँ। समिति का कहना है कि कोल इंडिया की मौजूदा नीति इस कानून के सामने अप्रासंगिक है, और कोल बेयरिंग एरिया एक्ट, 1957 के तहत हुए अर्जन पर भी केन्द्रीय कानून लागू होना चाहिए। दूसरी माँग हाईकोर्ट के आदेश के पालन की है, जिसमें 2012 से पहले अर्जित भूमि के छोटे खातेदारों और अर्जन के बाद जन्मे युवाओं को रोजगार देने और रैखिक संबंध की शर्त हटाने की बात कही गई है।
स्थानीय लोगों में इस हड़ताल को लेकर उत्साह है। एक प्रभावित किसान ने कहा, “हमारी जमीन गई, लेकिन हमें न नौकरी मिली न सम्मान। यह हड़ताल हमारी आवाज को दिल्ली तक ले जाएगी।उमागोपाल कुमार के समर्थन ने इस आंदोलन को और बल दिया है। एक युवा ने बताया, “उमागोपाल” जी का साथ हमें हिम्मत देता है। यह सिर्फ हड़ताल नहीं, हमारे भविष्य की लड़ाई है।


16 अप्रैल की हड़ताल दीपका और आसपास के विस्थापित समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकती है। यह न केवल उनकी अनसुनी माँगों को सामने लाएगी, बल्कि नीतिगत बदलाव की दिशा में भी एक बड़ा कदम हो सकती है।

उमागोपाल कुमार का समर्थन इस बात का प्रतीक है कि एकजुटता और साहस के साथ उठाई गई आवाज को अनदेखा करना मुश्किल है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि यह हड़ताल विस्थापितों के लिए कितना बड़ा बदलाव ला पाएगी।

संभागायुक्त श्री कावरे की बड़ी कारवाही : बेलरगांव के तहसीलदार को किया निलंबित

रायपुर 11 सितम्बर 2024

संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने आज बड़ी कारवाही करते हुए धमतरी जिले के बेलरगांव तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

तहसीलदार श्री अनुज पटेल को बिना अनुमति या सक्षम स्वीकृति के मुख्यालय से बाहर रहने और शासकीय कार्यों में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण निलंबित किया गया है। संभागायुक्त कार्यालय से इस संबंध में आदेश भी जारी किया जा चुका है। निलंबित तहसीलदार का मुख्यालय आयुक्त कार्यालय रायपुर नियत किया गया है। इस संबंध में श्री कावरे ने बताया कि धमतरी जिले के बेलरगांव तहसीलदार के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी। तहसीलदार श्री अनुज पटेल का बिना अनुमति या सक्षम स्वीकृति के मुख्यालय से बाहर रहने के आदी होने की शिकायतें भी मिली है। उनके खिलाफ शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही और रूचि नहीं होने की शिकायतें भी मिली थी। श्री कावरे ने बताया कि राजस्व संबंधी प्रकरणों के समाधान में न्यून प्रगति, प्रकरणों को लंबे समय तक लंबित रखने से आमजनों को भी परेशानी की शिकायत भी श्री पटेल के विरूद्ध मिली थी। इस संबंध में धमतरी जिले के कलेक्टर को जांच कर प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए गए थे। संभागायुक्त ने बताया कि कलेक्टर से मिले प्रतिवेदन के आधार पर बेलरगांव के तहसीलदार श्री अनुज पटेल को निलंबित किया गया है। श्री पटेल को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के प्रावधानों के तहत निलंबित किया गया है। संभागायुक्त ने श्री पटेल के विरूद्ध आरोप पत्र, आरोपों का विवरण, गवाहों की सूची, दस्तावेजों की सूची आदि तैयार कर सात दिन के भीतर संभागायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश भी कलेक्टर धमतरी को दिए है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बच्चों ने समझा पर्यावरण और जंगल का महत्व जीने के लिए ऑक्सीजन हैं जरूरी, गणेश स्थापना का विषय बना हसदेव का जंगल ।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बच्चों ने समझा जंगल एवं पर्यावरण का महत्व गणेश पंडाल का विषय रखा हसदेव के जंगल के नाम ।

बच्चों ने कहा जिस प्रकार हसदेव का जंगल काटा जा रहा है हसदेव के जंगल में अनेकों प्रकार के जैव विविधता  एवं मूल आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं जो की हसदेव का जंगल काटे जाने के बाद ना ना प्रकार के जीव जंतु एवं मूल आदिवासी समाज स्थानीय लोगों का घर उजाड़ कर एक उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन ने हरे भरे बसे हुए जंगल को कटवा दिया जिससे आने वाले समय में ऑक्सीजन की कमी एवं ओजोन परत की क्षति होगी । जीने के लिए ऑक्सीजन बहुत आवश्यक है एवं ओजोन परत के नष्ट होने पर पर्यावरण वं वातावरण को आनेक प्रकार से हानि होगी जिससे भविष्य में जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज ) होगा जिस कारण आने वाले भविष्य में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अनेका-अनेक प्रकार की बीमारियां होंगे।

राजधानी रायपुर के बच्चों ने कहा कि पर्यावरण परिवर्तन के बारे में हम लोगों को चिंता है परंतु छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार एवं पूर्व में कांग्रेस की सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन के ऊपर ना ही ध्यान दिया गया ना ही किसी प्रकार का कोई कठोर कदम उठाया गया और बड़े उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाखो जीव जन्तुओ की हत्या कर जंगल को काटने का आदेश जारी कर दिया जिससे हमारे जलवायु परिवर्तन में बहुत ही ज्यादा फर्क पड़ेगा क्योंकि वर्तमान समय में जंगल बहुत कम रह गये हैं जो कि हमे स्वक्ष आक्सीजन प्रदान करते हैं ।

बच्चों ने कहा कि हम समझ रहे हैं जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन में कैसा परिवर्तन लाएगा यह सोच कर हम लोग चिंतित हैं परंतु छत्तीसगढ़ में वर्तमान सरकार एवं पूर्व में कांग्रेस की सरकार जलवायु परिवर्तन एवं जंगल के बचाव के लिए किसी भी प्रकार का कोई विचार तक नही किया और भारत सरकार द्वारा बनाया गया राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) किसी प्रकार का कार्य नहीं कर रहा है जबकि हसदेव के जंगल में अनेकों प्रकार के जैव विविधताये ।

राजधानी रायपुर के बच्चों ने जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण जीवन जीने के लिया महत्व समझा और यह कदम उठाया है तो क्या वर्तमान में केंद्र में स्थित सरकार, राज्य में स्थित सरकार व पूर्व की कांग्रेस सरकार को हमारे पर्यावरण की कोई चिंता नहीं हैं ।

एक भारतीय नागरिक और एक पत्रकार होने के नाते मेरा सरकार से एक ही सवाल है क्या बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है ? जिसके कारण उन्होंने लाखों जीव जंतुओं का घर हसदेव का वन नष्ट कर दिया ।

भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) केवल और केवल आम जनता का टैक्स का पैसा का दोहन करने के लिए बना है ? उनका कोई कर्तव्य नही बनता लाखो जीव जन्तु की हत्याओं के प्रति की वह आकार हसदेव के वन मे हस्तक्षेप करे ।

क्या कोई कर्तव्य नही बनता वर्तमान में केंद्र में स्थित सरकार, राज्य में स्थित सरकार व पूर्व की कांग्रेस सरकार को हमारे पर्यावरण जो बचाने के लिये कोई कठोर कदम उठाये ?